जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में सत्तारूढ़ कांग्रेस में सियासी उठापठक के बीच कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) और प्रदेश अध्यक्ष पद (Rajasthan PCC Chief) से सचिन पायलट (Sachin Pilot) को हटा दिया है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, सचिन पायलट जी, विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा जी को उपमुख्यमंत्री और मंत्री पद से हटाया जाता है। कांग्रेस के खिलाफ बगावती रुख अपना चुके राजस्थान के सचिन पायलय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे थे। कांग्रेस की हाईकमान द्वारा बुलाई गई बैठक में आज (14 जुलाई) सचिन पायलट शामिल नहीं हुए थे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने सचिन पायलट की तीन शर्तों की वजह से उन्हें बर्खास्त किया है।
सचिन पायलट ने कांग्रेस हाईकमान के सामने अपनी तीन शर्ते रखी थी। जिसमें से कांग्रेस दो पर राजी भी हो गई थी। कांग्रेस सूत्रों के हवाले से आजतक ने दावा किया था, सचिन पायलट ने मांग की थी कि अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाकर उन्हें राज्य का सीएम बनाया जाए। दूसरा, अविनाश पांडे को राजस्थान के प्रभारी पद से तुरंत हटाया जाए। तीसरा, सचिन पायलट ने अपेन साथी विधायकों के लिए मंत्रिमंडल में अहम जगह मांगी है। लेकिन कहा जा रहा है कि कांग्रेस दो मांगों के लिए तैयार हो गई थी लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर साफ कर दिया है कि सीएम तो अशोक गहलोत ही रहेंगे। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।
विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने वाले विधायकों को कांग्रेस जारी करेगी नोटिस
कांग्रेस ने मंगलवार सुबह 10 बजे बैठक बुलाई थी। जिसमें सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक नहीं पहुंचे थे। कांग्रेस अब विधायक दल की बैठक में नहीं शामिल हुए विधायकों को नोटिस भेजने की तैयारी में है। पार्टी का कहना है कि बार-बार विधायकों को चेतावनी दी गई थी, उनको आने के लिए बोला भी गया था लेकिन फिर भी वो बैठक में शामिल नहीं हुए, ऐसे में पार्टी नोटिस जारी कर सकती है।
सूत्रों ने दावा किया था कि जयपुर के फेयरमोंट होटल में चल रही कांग्रेस विधायक दल (CLP) की बैठक में उपस्थित 102 विधायकों ने मांग की थी कि सचिन पायलट को पार्टी से हटा दिया जाए।
राजस्थान राजनीतिक संकट के बीच नेता सोशल मीडिया पर कर रहे हैं शेरो शायरी
राजस्थान में जारी राजनीतिक उठा पटक के बीच नेता सोशल मीडिया पर शेरो शायरी के जरिए विरोधी खेमे पर तंज कसने से नहीं चूक रहे हैं। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी एवं राज्य पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया, ''मैं बोलता हूं, तो इल्जाम है बगावत का, मैं चुप रहूं तो बड़ी बेबसी सी होती है।'' विश्वेंद्र सिंह के इस ट्वीट पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने न केवल इस पर दाद दी, बल्कि इसे रिट्वीट भी किया। पूनिया ने इसके साथ ही टिप्पणी की, ''वाह राजा साहब, बेहद खूब, बेअंदाज है आपके निराले अंदाज। आप न तो इल्जाम की परवाह करते हैं, न आप बेबस हो सकते हैं। जय हो, विजय हो आपकी।''
भाजपा के नेता एवं केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने इसे रिट्वीट करते हुए लिखा, ''कुशासन के विरोध में आवाज उठाना ही सही मायने में वर्तमान का सेवाधर्म और प्राचीन काल का राजधर्म है।'' आपने एक सच्चे नायक होने का एहसास दिलाया है। वर्तमान का घटनाक्रम राजस्थान की कांग्रेस सरकार के जनविरोधी शासन का परिचायक है। इसके बाद सिंह ने एक और ट्वीट किया, ''मेरी फितरत ही कुछ ऐसी है कि गा लिबन सच कहने का लुत्फ उठाता हूं मैं।''
विश्वेंद्र सिंह गहलोत सरकार के उन तीन मंत्रियों में से एक हैं, जो विधायक दल की सोमवार (13 जुलाई) को हुई बैठक में शामिल नहीं हुए। पायलट खेमे के एक और विधायक मुकेश भाकर ने भी सोशल मीडिया पर लिखा था, ''जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है, उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है।'' हालांकि सचिन पायलट इस बारे में सोशल मीडिया पर चुप हैं।