राजस्थान उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए गए सचिन पायलट, कांग्रेस ने इन तीन मांगों की वजह से किया बर्खास्त
By पल्लवी कुमारी | Published: July 14, 2020 01:49 PM2020-07-14T13:49:57+5:302020-07-14T13:49:57+5:30
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में राजस्थान के लीडरशिप को बदलने पर चर्चा नहीं हुई है। 104 विधायकों ने अशोक गहलोत के समर्थन में अपना मत रखा। जिसके बाद सचिन पायलट को राजस्थान उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) और प्रदेश अध्यक्ष पद (Rajasthan PCC Chief) के पद से हटा दिया गया।
जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में सत्तारूढ़ कांग्रेस में सियासी उठापठक के बीच कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) और प्रदेश अध्यक्ष पद (Rajasthan PCC Chief) से सचिन पायलट (Sachin Pilot) को हटा दिया है। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, सचिन पायलट जी, विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा जी को उपमुख्यमंत्री और मंत्री पद से हटाया जाता है। कांग्रेस के खिलाफ बगावती रुख अपना चुके राजस्थान के सचिन पायलय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे थे। कांग्रेस की हाईकमान द्वारा बुलाई गई बैठक में आज (14 जुलाई) सचिन पायलट शामिल नहीं हुए थे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस ने सचिन पायलट की तीन शर्तों की वजह से उन्हें बर्खास्त किया है।
Sachin Pilot also removed as Rajasthan PCC Chief, Govind Singh Dotasra appointed in his place: Randeep Surjewala, Congress. https://t.co/x3akloNHYt
— ANI (@ANI) July 14, 2020
सचिन पायलट ने कांग्रेस हाईकमान के सामने अपनी तीन शर्ते रखी थी। जिसमें से कांग्रेस दो पर राजी भी हो गई थी। कांग्रेस सूत्रों के हवाले से आजतक ने दावा किया था, सचिन पायलट ने मांग की थी कि अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाकर उन्हें राज्य का सीएम बनाया जाए। दूसरा, अविनाश पांडे को राजस्थान के प्रभारी पद से तुरंत हटाया जाए। तीसरा, सचिन पायलट ने अपेन साथी विधायकों के लिए मंत्रिमंडल में अहम जगह मांगी है। लेकिन कहा जा रहा है कि कांग्रेस दो मांगों के लिए तैयार हो गई थी लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर साफ कर दिया है कि सीएम तो अशोक गहलोत ही रहेंगे। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।
विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होने वाले विधायकों को कांग्रेस जारी करेगी नोटिस
कांग्रेस ने मंगलवार सुबह 10 बजे बैठक बुलाई थी। जिसमें सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक नहीं पहुंचे थे। कांग्रेस अब विधायक दल की बैठक में नहीं शामिल हुए विधायकों को नोटिस भेजने की तैयारी में है। पार्टी का कहना है कि बार-बार विधायकों को चेतावनी दी गई थी, उनको आने के लिए बोला भी गया था लेकिन फिर भी वो बैठक में शामिल नहीं हुए, ऐसे में पार्टी नोटिस जारी कर सकती है।
सूत्रों ने दावा किया था कि जयपुर के फेयरमोंट होटल में चल रही कांग्रेस विधायक दल (CLP) की बैठक में उपस्थित 102 विधायकों ने मांग की थी कि सचिन पायलट को पार्टी से हटा दिया जाए।
राजस्थान राजनीतिक संकट के बीच नेता सोशल मीडिया पर कर रहे हैं शेरो शायरी
राजस्थान में जारी राजनीतिक उठा पटक के बीच नेता सोशल मीडिया पर शेरो शायरी के जरिए विरोधी खेमे पर तंज कसने से नहीं चूक रहे हैं। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी एवं राज्य पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने मंगलवार सुबह ट्वीट किया, ''मैं बोलता हूं, तो इल्जाम है बगावत का, मैं चुप रहूं तो बड़ी बेबसी सी होती है।'' विश्वेंद्र सिंह के इस ट्वीट पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने न केवल इस पर दाद दी, बल्कि इसे रिट्वीट भी किया। पूनिया ने इसके साथ ही टिप्पणी की, ''वाह राजा साहब, बेहद खूब, बेअंदाज है आपके निराले अंदाज। आप न तो इल्जाम की परवाह करते हैं, न आप बेबस हो सकते हैं। जय हो, विजय हो आपकी।''
वाह राजा साहब,बेहद खूब;बेअंदाज है आपके निराले अंदाज़~आप न तो इल्जाम की परवाह करते हैं; न आप बेबस हो सकते;जय हो; विजय हो आपकी @BJP4Rajasthanhttps://t.co/i8BI0thzdB
— Satish Poonia (@DrSatishPoonia) July 14, 2020
भाजपा के नेता एवं केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने इसे रिट्वीट करते हुए लिखा, ''कुशासन के विरोध में आवाज उठाना ही सही मायने में वर्तमान का सेवाधर्म और प्राचीन काल का राजधर्म है।'' आपने एक सच्चे नायक होने का एहसास दिलाया है। वर्तमान का घटनाक्रम राजस्थान की कांग्रेस सरकार के जनविरोधी शासन का परिचायक है। इसके बाद सिंह ने एक और ट्वीट किया, ''मेरी फितरत ही कुछ ऐसी है कि गा लिबन सच कहने का लुत्फ उठाता हूं मैं।''
" जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है
— Mukesh Bhakar (@MukeshBhakar_) July 13, 2020
उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है"
कांग्रेस में निष्ठा का मतलब है अशोक गहलोत की गुलामी।
वो हमें मंजूर नहीं।
विश्वेंद्र सिंह गहलोत सरकार के उन तीन मंत्रियों में से एक हैं, जो विधायक दल की सोमवार (13 जुलाई) को हुई बैठक में शामिल नहीं हुए। पायलट खेमे के एक और विधायक मुकेश भाकर ने भी सोशल मीडिया पर लिखा था, ''जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है, उसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है।'' हालांकि सचिन पायलट इस बारे में सोशल मीडिया पर चुप हैं।