हंगामे की भेंट चढ़ी बिहार विधानसभा, पूरे सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष आपस में लड़ते रह गए
By एस पी सिन्हा | Published: February 24, 2021 07:06 PM2021-02-24T19:06:49+5:302021-02-24T19:11:17+5:30
भकपा- माले समेत विपक्षी पार्टियों के विधायकों के हंगामे के बीच विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
पटना,24 फरवरी। बिहार विधानसभा के बजट सत्र के आज चौथे दिन विधानसभा में विपक्ष के द्वारा किये गये जोरदार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कल 11 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष एक के बाद एक सत्ता पक्ष पर सवाल खड़े करती रही। वहीं दोनों पक्षों के तरफ से आरोप भी लगाये गए। विधानसभा में मंत्री मदन सहनी के बयान पर जमकर हंगामा हुआ।
दरअसल, एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के उत्तर के दौरान समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने भकपा- माले विधायक को कहा कि वे उनकी दुकान बंद करा देंगे। मंत्री ने ये भी कहा कि वे माले विधायकों की पोल खोल देंगे। इसके बाद नाराज माले विधायकों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान माले के विधायअकों ने कहा कि मंत्री पहले हमारी पोल खोलें, तभी सदन चलने देंगे। माले का आरोप था कि मुख्यमंत्री के इशारे पर मंत्री मदन सहनी ने उन्हें अपमानित किया है।
वृद्धा पेंशन को लेकर हंगामा और नारेबाजी
विधानसभा में वृद्धा पेंशन को लेकर दिए जा रहे जवाब के दौरान भी विपक्ष के नेताओं ने जोरदार हंगामा किया और इसके साथ ही नारेबाजी भी की गई। जिसके बाद सदन की कार्यवाही को ही रोक दिया गया। विपक्ष के तरफ से सदन में सामाजिक कल्याण मंत्री मदन सहनी के इस्तीफे की मांग करने लगे।
सामाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने सदन में कहा था कि विपक्ष के विधायक कमीशन का काम करना चाहते हैं। जिसके बाद सदन में राजद विधायक और वाम दलों के विधायक ने ‘मदन सहनी चोर है’ कहकर नारेबाजी करने लगे। वहीं सदन के बाहर भाकपा-माले के विधायक महबूब आलम ने भी जमकर हंगामा किया। इसके साथ ही प्रदर्शन भी करने लगे।
विधायकों ने लगाए सरकार पर कई आरोप
दरअसल, विधानसभा में माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन के मामले पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाया था। मंत्री मदन सहनी उसका जवाब दे रहे थे। जवाब के दौरान जब माले विधायकों ने तीखे सवाल पूछते हुए सरकार पर आरोप लगाना शुरू किया तो मंत्री आपा खो बैठे। मंत्री ने कहा कि वे जानते हैं माले की दुकान कहां से चल रही है? वे दुकान बंद करा देंगे। मंत्री ने सदन में माले विधायकों की पोल खोलने की भी चेतावनी दी। मंत्री के इस बयान के बाद विधानसभा में हंगामा खडा हो गया। माले विधायक वेल में पहुंच गये।
भारी हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही की गई स्थगित
उधर, मंत्री मदन सहनी अपने आरोपों से पीछे हटने को तैयार नहीं थे। भारी हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने भोजनावकाश के दौरान सभी पार्टियों के विधायक दल के नेताओं को अपने कक्ष में बुलाकर मामले को हल करने की कोशिश की। विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री मदन सहनी को भी अपने कक्ष में तलब किया।
इस बैठक में सहमति बनी कि मंत्री समेत सारे विधायक एक दूसरे का सम्मान करेंगे और कोई एक दूसरे पर अमर्यादित टीका-टिप्पणी नहीं करेगा। अध्यक्ष की इस बैठक के बाद फिर से सदन की कार्यवाही शुरू की गई। माले विधायकों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही फिर से यही मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मंत्री मदन सहनी ने जो बयान दिया है उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। मंत्री मदन सहनी को तत्काल मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिये।
महबूब आलम ने मुख्यमंत्री को लेकर कही ये बड़ी बात
विधानसभा में हंगामे के दौरान माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि मुख्यमंत्री के इशारे पर मंत्री मदन सहनी ने माले विधायकों का अपमान किया है। विपक्ष पर हमला के साथ साथ अब चरित्रहनन भी किया जा रहा है। माले विधायकों ने कहा कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का एक आरोप भी सरकार साबित कर दे तो वे विधायकी छोड देंगे। माले विधायक मंत्री मदन सहनी को पद से हटाने की मांग को लेकर वेल में डट गये।
माले विधायकों के हंगामे और उनके समर्थन में राजद-कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी के बीच संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी सफाई देन उठ खड़े हुए। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में मौजूद भी नहीं थे। फिर भी उनका नाम क्यों लिया जा रहा है? संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अगर मदन सहनी की किसी बात से विधायक आहत हुए हैं तो वे खेद जताते हैं। लेकिन विपक्षी विधायकों ने कहा कि गलत बयान देने वाले मंत्री मदन सहनी सदन में मौजूद हैं। वे खेद क्यों नहीं जता रहे हैं? सरकार उन्हें क्यों बचा रही है।