राम मंदिर शिलान्यास: मुस्लिम महिलाओं ने प्रधानमंत्री के नाम सम्मान पत्र भेजा, कहा-500 साल पुराना मसला शांतिपूर्ण ढंग से हल हो गया
By भाषा | Published: August 6, 2020 09:10 PM2020-08-06T21:10:29+5:302020-08-06T21:10:29+5:30
रीगल चौराहे पर जुटीं करीब 20 मुस्लिम महिलाओं ने इंदौर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद शंकर लालवानी को यह सम्मान पत्र सौंपा। यह पत्र जहां सौंपा गया, उसकी पृष्ठभूमि में भगवा झंडों के साथ भगवान राम का कट आउट रखा गया था।
इंदौरः अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की आधारशिला रखे जाने के दौरान देश भर में अमन-चैन कायम रहने पर खुशी जताते हुए स्थानीय मुस्लिम महिलाओं ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम सम्मान पत्र भेजा।
शहर की सामाजिक संस्था "साझा संस्कृति" के आयोजन में बुर्का पहनकर रीगल चौराहे पर जुटीं करीब 20 मुस्लिम महिलाओं ने इंदौर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद शंकर लालवानी को यह सम्मान पत्र सौंपा। यह पत्र जहां सौंपा गया, उसकी पृष्ठभूमि में भगवा झंडों के साथ भगवान राम का कट आउट रखा गया था।
इस दौरान मुस्लिम महिलाओं ने "भारत माता की जय" और "मोदी जी जिंदाबाद" के नारे भी लगाये। इन महिलाओं ने तख्तियां थाम रखी थीं जिन पर छपा था-"श्रीराम मंदिर (अयोध्या) निर्माण कार्य का इस्तकबाल करते हैं।" इनमें शामिल सकीना बी ने मोदी के नाम लिखा सम्मान पत्र पढ़ते हुए कहा, "(अयोध्या मामले में) उच्चतम न्यायालय के फैसला सुनाने के बाद से लेकर राम मंदिर के शिलान्यास तक आपके (प्रधानमंत्री) सफल और दूरदर्शी नेतृत्व के कारण पूरे देश में सौहार्द्र और शांति रही। सभी धर्मों के लोगों ने इस निर्णय को सहज स्वीकार किया।"
रीगल चौराहे पर मौजूद एक अन्य मुस्लिम महिला रुखसाना ने कहा, "हम बेहद खुश हैं कि राम मंदिर शिलान्यास समारोह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। हमें भरोसा है कि देश में आगे भी अमन-चैन बरकरार रहेगा।" सांसद लालवानी ने इस मौके पर कहा, "मैं मुस्लिम महिलाओं की ओर से सौंपा गया सम्मान पत्र प्रधानमंत्री तक पहुंचाऊंगा। सब लोग इस बात से खुश हैं कि अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास के साथ ही करीब 500 साल पुराना मसला शांतिपूर्ण ढंग से हल हो गया है।"
‘अमेजिंग अयोध्या’: भगवान राम के जन्मस्थान का इतिहास बताती एक नयी पुस्तक
राम मंदिर ‘भूमि पूजन’ बुधवार को हुआ और इसी दिन प्रकाशन कंपनी ब्लूम्सबरी ने अपनी नयी पुस्तक की घोषणा की जो अयोध्या के इतिहास पर प्रकाश डालेगी। नीना राय की पुस्तक ‘अमेजिंग अयोध्या’ शहर के बारे में ‘प्रामाणिक जानकारी’ देने का वादा करती है, जो न केवल प्राचीन हिंदुओं के जीवन और समय को समझने में मदद करेगी, बल्कि राम और सीता के जीवन को समझने का भी मौका देगी।
राय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा ‘‘ भारत में पला-बढ़ा कोई भी व्यक्ति राम और सीता की सुंदर कहानी से अछूता नहीं है। प्रत्येक दीपावली हर कोई राम और सीता के अयोध्या वापस आने के बारे में सुनता है, लेकिन सभी समारोहों के बीच शायद ही किसी का ध्यान अयोध्या पर जाता होगा। हम अयोध्या के बारे में बस यही सुनते हैं कि कैसे राजा और रानी के स्वागत के लिए शहर में दीप जलाए गए थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम जिस अवतार की पूजा करते हैं, उसे समझने के लिए, हमें यह समझना चाहिए कि उनके ‘युग’ में जीवन और समय कैसा था। ‘अमेजिंग अयोध्या’ पुस्तक अयोध्या, इसकी वास्तुकला और अन्य विवरणों को जानने का एक प्रयास है - अयोध्या कितनी बड़ा थी? इसका आकार कैसा था? वहां घर कैसे थे? किसने अयोध्या की स्थापना की? वहां किस तरह के जानवर रहते थे?’’ यह पुस्तक नवंबर में बाजार में आ जाएगी।