राजस्थानः क्षेत्रीय दलों के दबाव से मुक्ति के लिए मारवाड़ से चुनाव लड़ सकते हैं राहुल गांधी!

By प्रदीप द्विवेदी | Published: December 19, 2018 01:00 AM2018-12-19T01:00:08+5:302018-12-19T01:00:08+5:30

यूपी में सपा-बसपा के सियासी दबाव से मुक्ति के लिए राहुल गांधी अमेठी के साथ-साथ राजस्थान में मारवाड़ से भी चुनाव लड़ सकते हैं.

Rajasthan: Rahul Gandhi can fight from Marwar to get rid of the pressure of regional parties! | राजस्थानः क्षेत्रीय दलों के दबाव से मुक्ति के लिए मारवाड़ से चुनाव लड़ सकते हैं राहुल गांधी!

राजस्थानः क्षेत्रीय दलों के दबाव से मुक्ति के लिए मारवाड़ से चुनाव लड़ सकते हैं राहुल गांधी!

यूपी में सपा-बसपा के सियासी दबाव से मुक्ति के लिए राहुल गांधी अमेठी के साथ-साथ राजस्थान में मारवाड़ से भी चुनाव लड़ सकते हैं.जहां राजस्थान सहित तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत से महागठबंधन से जुड़े अधिकतर सियासी दल खुश हैं, वहीं सपा-बसपा के नेता उतने उत्साहित नजर नहीं आ रहे हैं. यही नहीं, बतौर पीएम उम्मीदवार राहुल गांधी को भी वे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. इसका कारण यह है कि कई क्षेत्रीय नेताओं को लगता है कि अगले आम चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा और ऐसी विषम सियासी परिस्थिति में वे पीएम बन सकते हैं.

यूपी में कांग्रेस पर जिस तरह का सपा-बसपा ने राजनीतिक दबाव बना रखा है, उसकी प्रमुख वजह है गांधी परिवार का यूपी से चुनाव लड़ना, खासकर राहुल गांधी को अमेठी में सपा-बसपा के सहयोग की बड़ी कीमत कांग्रेस को चुकानी पड़ रही है. यूपी में सपा-बसपा, कांग्रेस को बेहद कमजोर दल की तरह आंक रहे हैं और इसके चलते वे यूपी के सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस की जरूरत ही महसूस नहीं कर रहे हैं, जबकि अब सियासी हालात तेजी से बदलते जा रहे हैं. 

दरअसल, 2014 के चुनावों तक जहां कांग्रेस के हिन्दू मतदाता भाजपा की ओर चले गए थे, वहीं मुस्लिम मतदाता क्षेत्रीय दलों के साथ हो गए थे, नतीजे में... कांग्रेस की राजनीतिक झौली खाली हो गई थी. गुजरात चुनाव से जहां हिन्दू मतदाता कांग्रेस के करीब आए हैं, वहीं अभी हुए विस चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं ने भी फिर से कांग्रेस पर भरोसा किया है. इसका प्रमुख कारण यह धारणा है कि राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मोदी को केवल राहुल गांधी ही टक्कर दे सकते हैं, इसलिए विस चुनाव में भले ही किसी क्षेत्रीय दल को वोट दिया जाए, लेकिन लोकसभा चुनाव में तो कांग्रेस को ही वोट दिया जाए. यह धारणा यदि जोर पकड़ेगी तो यूपी की सियासी तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी.

इन तीन राज्यों के नतीजे उन नेताओं के लिए खतरे की घंटी हैं जो राहुल गांधी को किनारे करके स्वय बतौर पीएम आगे आना चाहते हैं.राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि राहुल गांधी अमेठी के साथ-साथ मारवाड़ से भी लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो इसके कई फायदे होंगे.

सबसे बड़ा फायदा है- यूपी में सपा, बसपा आदि दलों के सियासी दबाव से मुक्ति. ऐसी स्थिति में कांग्रेस यूपी में सपा-बसपा के दबाव के बजाय अपनी शर्तों पर गठबंधन कर सकती है. अगर वहां कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ती है तब भी किसी दबाव में नहीं रहेगी.

राजस्थान इस वक्त कांग्रेस के लिए सबसे सुरक्षित राज्य है, इसलिए यदि राहुल मारवाड़ से चुनाव लड़ते हैं तो उनकी जीत तो यहां से पक्की होगी ही, लोकसभा चुनाव के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए भी वे अधिक-से-अधिक समय दे पाएंगे. मारवाड़ राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का गृहक्षेत्र है.

उल्लेखनीय है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी, उनमें से एक रायबरेली थी जहां से सोनिया गांधी जीती थीं और अमेठी दूसरी सीट थी, जहां से राहुल गांधी जीते थे. अमेठी के कारण सपा-बसपा तो कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष दबाव बना ही रहे हैं, भाजपा भी यहां गांधी परिवार को घेरने की कोशिश लगातार कर रही है. जाहिर है, यदि राहुल गांधी अमेठी के साथ-साथ मारवाड़ से भी चुनाव लड़ते हैं तो राहुल गांधी की सियासी घेराबंदी बेअसर हो जाएगी!

Web Title: Rajasthan: Rahul Gandhi can fight from Marwar to get rid of the pressure of regional parties!

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