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राजस्थान राजनीतिक संकट: खरीद-फरोख्त रोकने पहुंचे अशोक गहलोत, निर्दलीय विधायकों ने साथ बिताई रात

By भाषा | Updated: June 12, 2020 12:08 IST

राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए 19 जून को मतदान होना है. कांग्रेस के पास विधायकों को जिताने के लिए पर्याप्त संख्या बल है.

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ठळक मुद्देकांग्रेस का आरोप है कि राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए पार्टी व उसके समर्थक निर्दलीय विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है। कांग्रेस ने के सी वेणुगोपाल ओर नीरज डांगी को अपना उम्मीदवार बनाया है भाजपा ने राजेन्द्र गहलोत को उम्मीदवार बनाया था हालांकि अंतिम क्षणों में ओंकार सिंह लखावत ने भी पर्चा दाखिल किया।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और लगभग 100 कांग्रेसी एवं निर्दलीय विधायक बीती रात जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित एक रिजॉर्ट में रुके। राज्यसभा चुनावों से पहले पार्टी के विधायकों को बीजेपी द्वारा अपने पाले में करने के आरोपों के बीच यह कदम उठाया गया। विधायकों ने राजस्थान में 19 जून को राज्यसभा के तीन सीटों पर होने वाले चुनाव पर चर्चा की।

पार्टी सूत्रों के अनुसार विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिये रिजॉर्ट में रुकने को कहा गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को विधायकों को लालच देकर खरीदे जाने के प्रयासों का आरोप लगाया था। वह स्वयं पूरी व्यवस्था को देख रहे हैं। सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बताया कि गुरुवार रात को 8-10 विधायक व्यक्तिगत और स्वास्थ्य कारणों से रिजॉर्ट से लौट गए थे कि वे शुक्रवार को वापस आयेंगे। अन्य लगभग सभी 100 विधायकों ने बीती रात रिजॉर्ट में बिताई।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के उपस्थिति में विधायकों की एक बैठक कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी के साथ आज होगी। राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिये चुनाव 19 जून को होगा जिसके लिये कांग्रेस ने के सी वेणुगोपाल ओर नीरज डांगी को प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारा है वहीं भाजपा ने शुरूआत में राजेन्द्र गहलोत को अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन पार्टी ने नामांकन के अंतिम दिन ओंकार सिंह लखावत को दूसरे प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतार कर सबको चौंका दिया।

200 सीटों की विधानसभा में कांग्रेस के पास पिछले साल बसपा पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों सहित 107 विधायक हैं। पार्टी को राज्य में 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है जबकि भाजपा के पास 72 विधायकों के साथ ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस के पास अपने दोनों उम्मीदवारों को जिताने के लिये पर्याप्त बहुमत है। 

टॅग्स :अशोक गहलोतराजस्थानकांग्रेसभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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