नई दिल्ली/जयपुरः राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा फ़ैसले को सुरक्षित रखने के बाद कांग्रेस नई रणनीति बनाने में जुट गयी है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सदन में शक्ति परीक्षण से पहले ही उन सभी विधायकों की सदस्यता समाप्त करा देगी जो बगावत कर सरकार से बाहर गये हैं।
सूत्र बताते हैं कि गहलोत सरकार विधान सभा का सत्र बुलाकर ,सत्र शुरू होते ही विधायक दल की बैठक बुलायेगी और उसके लिये व्हिप ज़ारी करेगी क्योंकि उसे पता है कि बागी विधायक उसमें हिस्सा नहीं लेंगे जिसके आधार पर व्हिप का उल्लंघन करने को आधार बना कर अयोग्य घोषित किये जाने की कार्यवाही होगी।
हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है लेकिन गहलोत के निकट सूत्रों ने दावा किया कि भले ही उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई तक निर्णय को सुरक्षित रखा लेकिन सत्र बुलाने के मुद्दे पर कोई निर्देश ज़ारी नहीं किया है। गेहलोत सरकार के पास प्लान बी तैयार है जिस पर वह अमल करेगी।
इस सूत्र ने प्लान बी का खुलासा करने से इनकार कर दिया
इस सूत्र ने प्लान बी का खुलासा करने से इनकार कर दिया। परन्तु यह संकेत अवश्य दिये कि सदन के पटल पर सरकार अपना बहुमत आसानी से साबित कर देगी। भले ही अदालत ने सचिन खेमे को 24 जुलाई तक राहत दे दी हो परन्तु उसका असर सरकार पर पड़ने वाला नहीं है।
बावजूद इसके गहलोत खेमे को डर है कि 102 विधायक उसके साथ हैं ,भाजपा उनको तोड़ने की हर संभव कोशिश में लगी है ,यही कारण है कि इन विधायकों को रिसोर्ट से बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है ,उनको कुछ दिन और रहने की सलाह दी गयी है।
सूत्र बताते हैं कि इन विधायकों को उसी समय सीधे विधान सभा ले जाया जायेगा जब सरकार शक्ति परीक्षण में जायेगी। विधान सभा सत्र के शुरू होते ही कॅरोना पर सरकार रिपोर्ट रखेगी उसके बाद एजेंडे में शक्ति परीक्षण का मुद्दा आयेगा ताकि गेहलोत सरकार बीच के समय का इस्तेमाल कर सके।