राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को राज्य सरकार को अस्थिर करने के कथित प्रयासों की जांच में पूछताछ के लिए पेश होने के लिए कहा गया था। सचिन पायलट नोटिस भेजने के बाद कांग्रेस का संकट और गहरा गया है। पायलट को शुक्रवार को राजस्थान आतंकवाद निरोधी दस्ते और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने पूछताछ के लिए बुलाया था। सूत्रों का कहना है कि 10 जुलाई को नोटिस मिलने पर सचिन पायलट बहुत गुस्से में थे।
एनडीटीवी में छपी खबर के अनुसार, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अधीन आता है जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं। इसलिए पत्र को उनके डिप्टी सचिन पायलट द्वारा एक प्रतिशोध के रूप में देखा गया था। इस मामले में अशोक गहलोत से भी उनका पक्ष जानने की कोशिश की जाएगी ।
राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ‘एसओजी’ ने राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के आरोपों में शुक्रवार को एक मामला दर्ज किया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एसओजी) अशोक राठौड़ ने बताया कि दो व्यक्ति, जिनके मोबाइल नम्बर की जानकारी है, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया, ‘‘ दर्ज किये गये मामले में आरोप यह है कि दोनों व्यक्तियों की बातचीत से लगता है कि उन्हें पता है कि क्या हो रहा है, कैसे खरीद- फरोख्त करनी है या इस पर आगे बढ़ना है... कैसे सरकार को अस्थिर करना है या उसके बाद क्या स्थिति बनेगी और उससे इन्हें कैसे फायदा हो सकता है।'
राजनीतिक संकट के बीच विधायकों और मंत्रियों से मिले गहलोत
सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों को प्रलोभन दिए जाने के आरोपों के बीच कई मंत्रियों व विधायकों ने शनिवार को यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। सिविल लांइस स्थित मुख्यमंत्री निवास में गहलोत से मुलाकात करने वालों में सरकार के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग व श्रम मंत्री टीकाराम जूली शामिल हैं। इसके अलावा बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए कई विधायक व कांग्रेस का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक भी मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे।