राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर मंडरा रहा खतरा अब टलता दिख रहा है, क्योंकि सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में 100 से अधिक विधायकों ने हिस्सा लिया और विक्ट्री साइन दिखाकर साफ किया है सीएम अशोक गहलोत के पास बहुमत है।
कांग्रेस का दावा है कि उसके पास 109 विधायकों का समर्थन है। एएनआई के अनुसार 107 एमएलए विधायक दल की बैठक में शामिल हुए। इसके बाद अब सबकी नजर सचिन पायलट पर है, जो सोमवार को विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए।
सचिन पायलट को मनाने में जुटीं प्रियंका गांधी
हालांकि इस बीच बताया जा रहा है कि पार्टी से नाराज चल रहे सचिन पायलट को मनाना का काम जारी है और इस मोर्चे को खुद प्रियंका गांधी ने संभाला है। प्रियंका सचिन पायलट और अशोक गहलोत से बात कर राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट को दूर करने की कोशिश कर रही हैं।
सचिन पायलट से कांग्रेस नेताओं ने की बात
सियासी संकट के बीच कांग्रेस ने कहा है कि सचिन पायलट से पिछले 48 घंटे में कई बार बात हुई है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं और पार्टी किसी की समस्या के समाधान के लिए बात करने को तैयार है। रणदीप सुरजेवाला ने साथ ही कहा कि जिस घर में बर्तन होते हैं वहीं खटकते हैं लेकिन ये साफ है कि राजस्थान में सरकार को कोई खतरा नहीं है।
सचिन पायलट का दावा- अल्पमत में गहलोत सरकार
इससे पहले रविवार को सचिन पायलट ने दावा किया था कि राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि उन्हें 30 से अधिक कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों ने उन्हें समर्थन देने का वादा किया है। पायलट के समर्थक माने जाने वाले कुछ विधायकों के शनिवार को दिल्ली में होने के वजह से गुटबाजी की चर्चा को हवा मिली थी। हालांकि तीन ऐसे विधायकों ने जयपुर आकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि दिल्ली वे अपने व्यक्तिगत कारणों से गए थे।