पुडुचेरी में चुनाव से पहले मुश्किल में फंसी बीजेपी, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह
By हरीश गुप्ता | Published: March 5, 2021 07:39 AM2021-03-05T07:39:11+5:302021-03-05T07:39:11+5:30
पुडुचेरी चुनाव से पहले बीजेपी को उम्मीद थी कि उसे एन. आर. कांग्रेस का साथ मिलेगा। हालांकि, ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है।
नई दिल्ली: भाजपा को पुडुचेरी विधानसभा चुनावों से पहले तमिल राजनीति के पेंच का सामना करना पड़ा है. अग्रणी पार्टी एन. आर. कांग्रेस उसके साथ हाथ मिलाने में हिचकिचा रही है. पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव 6 अप्रैल को होना हैं.
उल्लेखनीय है कि एन. आर. कांग्रेस के अध्यक्ष एन. रंगास्वामी ने कांग्रेस-डीएमके की सरकार को गिराने के लिए पिछले माह ही भाजपा के साथ हाथ मिलाया था. ऐसे में माना जा रहा था कि भाजपा के साथ उसे चुनाव गठबंधन में कोई ऐतराज नहीं होगा. भाजपा के लिए तमिल राजनीति में प्रवेश इससे आसान हो जाता.
विधानसभा चुनाव का ऐलान होते ही एन. आर. कांग्रेस ने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. माना जा रहा है कि भाजपा द्वारा महागठबंधन में अन्नाद्रमुक को शामिल करने की कोशिशों पर उसे आपत्ति है. रंगास्वामी ने कहा है कि भाजपा के साथ गठबंधन से पहले वह कार्यकर्ताओं की राय जानना चाहेंगे.
भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं घोषित किए जाने से भी रंगास्वामी नाराज बताए जाते हैं. सूत्रों के मुताबिक भाजपा पुडुचेरी में 30 में से 18 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है. रंगास्वामी द्वारा अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी की भनक लगते ही भाजपा में मंथन तेज हो गया है.
भाजपा को पुडुचेरी में सत्ता में आने के लिए रंगास्वामी के साथ-साथ अन्नाद्रमुक का भी समर्थन चाहिए. इसके लिए वह अपनी सीटों की मांग को 18 से घटाकर 15 भी कर सकती है.
कर्नाटक भाजपा के उपाध्यक्ष निर्मल कुमार सुराणा पुडुचेरी में भाजपा के चुनाव प्रमुख हैं. वह इस मामले में केंद्रीय आलाकमान से जीवंत संपर्क में है. वैसे रंगास्वामी अगर भाजपा का साथ छोड़ते हैं तो चुनाव उनके लिए भी बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाएगा.