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पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पीएसए की क्रूर कार्रवाई, कांग्रेस ने सरकार पर बोला हमला

By भाषा | Updated: February 7, 2020 16:40 IST

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती रिहाई के हकदार हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर सवाल किया, ‘‘किस आधार पर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पीएसए लगाया गया है?’’

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ठळक मुद्देनेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी पर भी पीएसए लगाया गया।उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अन्य के खिलाफ पीएसए की क्रूर कार्रवाई से हैरान हूं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज होने को लेकर शुक्रवार को सवाल किया कि किस आधार पर दोनों नेताओं के खिलाफ इस कानून के तहत कार्रवाई की गई है।

उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्री रिहाई के हकदार हैं। प्रियंका ने ट्वीट कर सवाल किया, ‘‘किस आधार पर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पीएसए लगाया गया है?’’ कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘ उमर और महबूबा ने भारत के संविधान को कायम रखा, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का अनुपालन किया और कभी भी हिंसा एवं विभाजन से संबंध नहीं रखा। वे बिना किसी आधार के अनिश्चिकाल के लिए कैद में रखे जाने के नहीं, बल्कि रिहा किए जाने के हकदार हैं।’’

दरअसल, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की छह महीने की एहतियातन हिरासत पूरी होने से महज कुछ घंटे पहले बृहस्पतिवार (छह फरवरी) को उनके खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया। इससे पहले दिन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी पर भी पीएसए लगाया गया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किए जाने की आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा कि बिना किसी आरोप के कार्रवाई करना लोकतंत्र में एक घटिया कदम है।

उन्होंने ट्वीट किया, ''उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अन्य के खिलाफ पीएसए की क्रूर कार्रवाई से हैरान हूं। आरोपों के बिना किसी पर कार्रवाई लोकतंत्र में सबसे घटिया कदम है।'' चिदंबरम ने सवाल किया, ''जब अन्यायपूर्ण कानून पारित किए जाते हैं या अन्यायपूर्ण कानून लागू किए जाते हैं, तो लोगों के पास शांति से विरोध करने के अलावा क्या विकल्प होता है?"

दरअसल, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की छह महीने की ''एहतियातन हिरासत'' पूरी होने से महज कुछ घंटे पहले बृहस्पतिवार (छह फरवरी) को उनके खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया। इससे पहले दिन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी पर भी पीएसए लगाया गया। 

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