पिछड़ा वर्ग के लिए योगी सरकार ने खेला बड़ा दांव, लोकसभा चुनाव से पहले की ये तैयारी
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 23, 2018 08:14 PM2018-06-23T20:14:15+5:302018-06-23T20:17:48+5:30
लोकसभा चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा दांव खेला है। जाट सहित पिछड़े वर्ग की अन्य तमाम जातियों और वर्गों के पिछड़ेपन के असली कारणों का पता लगाकर सरकार ने इन्हें आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिये एक कमेटी का गठित कर दी गई है।
लखनऊ, 23 जून ( संवाददाता-मीनाकमल)। लोकसभा चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा दांव खेला है। जाट सहित पिछड़े वर्ग की अन्य तमाम जातियों और वर्गों के पिछड़ेपन के असली कारणों का पता लगाकर सरकार ने इन्हें आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके लिये एक कमेटी का गठित कर दी गई है।
इस कमेटी के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश राघवेन्द्र कुमार बनाए गए हैं। सेवानिवृत्त आईएएस जेपी विश्वकर्मा, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर भूपेन्द्र सिंह और आजमगढ़ निवासी अशोक राजभर अधिवक्ता इसके सदस्य होंगे।
नव गठित समिति के अध्यक्ष और सचिव के कार्यालय के लिए विभिन्न श्रेणी के कुल नौ अस्थाई पदों को सृजित किए जाने की मंज़ूरी दे दी गई है। कमेटी को तीन महीने के अन्दर पिछड़ी जातियों के आगे
न बढ़ पाने के बारे में विभिन्न पहलुओं पर आंकलन करने के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को देनी होगी ताकि कमेटी की सिफारिशों को लोकसभा चुनाव से पहले लागू करके पिछड़ी जातियों को संदेश दिया जा सके।
इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार इन अस्थाई पदों का सृजन 28 फरवरी अथवा समिति के भंग होने की तिथि, जो भी पहले हो, तक किया गया है। सृजित पदों में समिति के अध्यक्ष के लिए निजी सचिव का एक पद, सचिव के लिए अपर निजी सचिव का एक पद, अनुभाग अधिकारी का एक पद, समीक्षा अधिकारी के दो पद, कम्प्यूटर सहायक सह टंकक का एक पद, स्वच्छकार का एक पद और चपरासी के दो पद शामिल हैं।
यह कमेटी तीन महीनों के भीतर रिपोर्ट शासन को देगी। कमेटी जिन विषयों पर रिपोर्ट तैयार करेगी उनमें पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं, व्यवस्थाओं और सुविधाओं का विश्लेषण प्रमुख होगा। साथ ही मौजूदा हालात में पिछड़े वर्ग के तहत विभिन्न वर्गों, जातियों की वर्तमान सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का आंकलन शामिल हैं।
इनके अलावा कमेटी उत्तर प्रदेश में निर्धारित आरक्षण व्यवस्था के अधीन शैक्षणिक क्षेत्र में पिछड़े वर्ग के विभिन्न वर्गों व जातियों की भागीदारी का आकलन भी करेगी। प्रदेश में आरक्षण व्यवस्था के तहत
सरकारी सेवाओं में पिछड़े वर्ग के तहत विभिन्न वर्गों, जातियों के संदर्भ में आरक्षण व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए अन्य राज्यों की व्यवस्था का भी अध्ययन करेगी।
इस बाबत विभिन्न उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय की ओर से जारी आदेशों का उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय के नजरिये से इस्तेमाल के बाबत भी यह कमेटी सुझाव देगी।