भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि पीएम केयर्स कोष संबंधी उच्चतम न्यायालय का फैसला कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘कुटिल’ मंसूबों और उनके सहयोगियों की ‘दुर्भावना और द्वेषपूर्ण’ कोशिशों को तगड़ा झटका है।
नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘पीएम केयर्स को लेकर उच्चतम न्यायालय का फैसला राहुल गांधी के कुटिल मंसूबों और उनके सहयोगियों की कोशिशों को तगड़ा झटका है। यह दर्शाता है कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों की दुर्भावना और द्वेषपूर्ण कोशिशों के बावजूद सत्य की चमक बरकरार रहती है।’’
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के हल्ला मचाकर दोषारोपण करने की आदत को जनता ने लगातार नकारा है और उसी जनता ने पीएम केयर्स कोष में दिल खेलकर दान किया है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हमेशा स्वैच्छिक रूप से एनडीआरएफ में दान दिया जा सकता है और इसमें आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कोई स्थायी रोक नहीं है। इस पीठ में न्यायमूर्ति आरएस रेड्डी और न्यायमूर्ति एमआर शाह भी शामिल थे।
उच्चतम न्यायालय ने यह फैसला गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘ सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनाया, जिसमें कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए पीएम केयर्स कोष में जमा राशि एनडीआरएफ में स्थानांतरित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
उल्लेखनीय है कि केंद्र ने 28 मार्च को आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं राहत (पीएम केयर्स) कोष की स्थापना की थी, जिसका प्राथमिक उद्देश्य कोविड-19 की वजह से उत्पन्न मौजूदा परिस्थिति से निपटना और प्रभावितों को राहत पहुंचाना था। इस कोष के प्रधानमंत्री पदेन अध्यक्ष बनाए गए हैं और रक्षामंत्री, गृहमंत्री और वित्तमंत्री पदेन न्यासी हैं।