नई दिल्ली, 25 अप्रैल: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान 'कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के दाग लगे हैं' बयान दिया है। कांग्रेस नेता के इस बयान पर घमासान मचा हुआ है। पार्टी जहां इस बयान से पल्ला झाड़ रही है, वहीं विपक्ष को कांग्रेस को घेरने का एक शानदार मौका मिल गया है।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने सलमान खुर्शीद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है- 'सलमान खुर्शीद ने राहुल गांधी के संविधान बचाओ कैंपेन की सच्चाई बाहर ला दी है। उन्होंने ये माना है कि कांग्रेस के हाथ खून से रंगा हुआ है। ये ना सिर्फ मुस्लिमों के खून से बल्कि 1984 के दंगों में सिखों के खून से भी रंगे हैं।'
बयान पर बवाल मचने के बाद सलमान खुर्शीद न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, 'मैं अपने बयान पर कायम हूं। मैंने एक इंसान के तौर पर यह बयान दिया है।' वहीं कांग्रेस सलमान खुर्शीद के बयान से अपना पल्ला झाड़ते दिख रही है। मंगलवार को एक प्रेस कॉफ्रेंस में कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने कहा- 'पार्टी खुर्शीद के बयान से असहमत है। स्वतंत्रता से पहले और बाद दोनों ही समय कांग्रेस ही वो पार्टी है, जिसने सभी वर्ग, जाति को एक साथ लेकर समाज का निर्माण किया है।'
बिहार में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राजद ने भी इस बयान पर खेद जताया है। हाल ही में राज्यसभा के सदस्य बने मनोज झा ने कहा है कि पार्टी उनके बयान का विरोध करती है। सलमान खुर्शीद का ये बयान माहौल बिगाड़ने वाला है। बता दें कि बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में डॉ. बीआर आंबेडकर हॉल में आयोजित वार्षिकोत्सव में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद शामिल हुए थे। जहां उनसे एएमयू के एक छात्र आमिर मिंटोई ने पूछा कि 1948 में एएमयू एक्ट में पहले संशोधन, 1950 प्रेसिडेंशल ऑर्डर, जिसमें मुस्लिम दलितों से SC/ST आरक्षण का हक छिना गया, क्या तब मुसलमानों का नरसंहार हुआ।
आमिर घटनाओं को बताते हुए खुर्शीद से पूछा कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के जो धब्बे हैं, इन धब्बों को आप किन अल्फाजों से धोना चाहेंगे? जिसका सलमान ने बड़े बेवाक तरीके से जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस का नेता हूं। इस नाते मुसलमानों के खून के यह धब्बे मेरे अपने दामन पर भी हैं। जिसके बाद से उनका ये बयान सोशल मीडिया पर छा गया है।