भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी के दूसरे नेताओं को दरकिनार कर दिया है। उन्होंने गणतंत्र दिवस के मौके पर शुक्रवार को एक ट्वीट कर के कहा, 'इसमें कोई शक नहीं कि नरेंद्र मोदी सबसे लोकप्रिय नेता हैं। लेकिन यह दुखद है कि पार्टी ने दूसरे नेताओं को पार्टी से दरकिनार कर दिया है।'
बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी बीते कुछ महीनों से अपनी सरकार कामकाज के खिलाफ मुखर हैं। उन्होंने हालिया जीडीपी आंकड़ों को लेकर कहा था, 'आंकड़ों में संभवत: हेर-फेर किया गया है, और ऐसा संभव है।'
इससे पहले बीजेपी के फायरब्रांड नेता स्वामी ने खुले तौर पीएम मोदी के नोटबंदी फैसले की भर्तस्ना की थी। स्वामी ने कहा था, 'हां मैं आर्थिक मंदी की बात कर रहा हूं। भारत में ऐसी स्थिति बन सकती है, जब भारत के बैंक बर्बाद हो जाएंगे और फैक्टरियां बंद होने लगेंगी।'
हालांकि अब तक सुब्रमण्यम स्वामी ने खुले तौर पर कभी पीएम मोदी के खिलाफ नहीं बोला था। उन्होंने मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताया। लेकिन पीएम मोदी साफ कह चुके हैं, 'देश चलाने के लिए हार्वर्ड वालों की नहीं 'हार्ड वर्क' की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि स्वामी हार्वर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि कर वहां अर्थशास्त्र पढ़ाते भी रहे हैं।
पीएम मोदी के चलते पूर्व बीजेपी सांसद ने दिया था इस्तीफा
अब स्वामी के इस ट्वीट से उस बहस को जोर मिल गया है, जिसमें बार-बार यह कहा जाता है कि पीएम मोदी अन्य नेताओं की नहीं सुनते। इसी महीने पूर्व बीजेपी सांसद नाना पटोले ने इसीलिए पार्टी छोड़ दी थी कि पीएम मोदी ने उनकी नहीं सुनी।
सांसद नाना पटोले के मुताबिक, 'जेपी सांसदों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मैंने किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाना चाहा तो वे नाराज हो गए। उन्हें सवाल पसंद नहीं। वह अपनी सुनाते हैं। बड़ी मुश्किल से उनके सामने कोई बोल पाता है।'
उमा भारती ने दबे सुर में उठाया था सवाल
मध्य प्रदेश की मुख्य मंत्री रह चुकी बीजेपी की मुखर नेता उमा भारती बीते कुछ दिनों से लगातार सरकार के कामकाज पर दबे सुर सवाल उठा रही हैं। हालांकि उन्होंने कभी खुलेआम आवाज नहीं उठाई। लेकिन एक उनके एक करीबी ने बताया था कि उन्होंने पीएम मोदी को लेटर लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसी महीने उन्होंने कुछ ट्वीट किए, 'हर भारतीय नागरिक की तरह मैं भी आदरणीय नरेंद्र मोदी जी की उपलब्धियों से गौरवान्वित हूं। मैं उनके प्रधानमंत्री बनने से तथा संसार में उनका वर्चस्व कायम होने से ही बहुत खुश हूं। इस खुशी के सामने मंत्रीपद कोई अहमियत नहीं रखता।'
यशवंत सिन्हा किए गए दरकिनार
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे बीजेपी के अहम नेता यशवंत सिन्हा की अब कोई बात तक नहीं हो रही। उन्होंने कहा था, 'वित्त मंत्री ने जिस तरह अर्थव्यवस्था का कबाड़ा किया है, उस संदर्भ यदि इस वक्त मैं चुप रहा, तो यह मेरी राष्ट्रीय कर्तव्य निभाने में असफलता होगी। मैं इसके लिए आश्वस्त हूं कि यही बात भाजपा के कितने ही नेता कहना चाह रहे हैं, लेकिन डर के मारे कह नहीं पा रहे हैं।' बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा लगातार इस बारे में बात करते हैं। लेकिन उन्होंने सीधे तौर पर कभी कुछ नहीं कहा।
रघुराम राजन के जल्दी हटाया गया
पूर्व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर रघुराम राजन का कार्यकाल दो साल और हो सकता था। लेकिन कहा जाता है कि उनके इस बयान, 'नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को तात्कालिक नुकसान होगा और दीर्घकालिक फायदे भी नहीं होने वाले हैं' के बाद उन्हें यह मौका नहीं दिया गया।