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आरोपों की दिशा अब शिवसेना से एनसीपी की ओर खिसकी, जानें क्या है पूरा मामला

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 21, 2021 12:48 IST

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजी गई बिना हस्ताक्षर वाली चिट्ठी का सत्यापन कराया जा रहा है.

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ठळक मुद्देपरमबीर सिंह ने इस पत्र में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं.देशमुख ने बयान जारी कर कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं.महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों से हर महीने बार और होटलों से वसूली करने को कहते थे.

यदु जोशी

मुंबईः मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के 'लेटरबम' की वजह से एंटीलिया-वाझे मामले में अब आरोपों की दिशा शिवसेना से हटकर राकांपा की ओर खिसकगई है.

भाजपा पहले से ही आरोप लगाती आई है कि शिवसेना पुलिस अधिकारी सचिन वाझे का बचाव कर रही है. विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने वाझे के निलंबन की मांग की थी. उस दौरान फड़नवीस ने शिवसेना और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाना बनाते हुए वाझे का बचाव करने का आरोप लगाया था.

भाजपा की ओर से सदन में शिवसेना पर हमला बोले जाने पर राकांपा के आम तौर पर आक्रमक रहने वाले मंत्री शांत बैठे थे. राकांपा के विधायक भी ज्यादातर शिवसेना के मदद के लिए नहीं आए. राकांपा के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल भी समर्थन में उतरते हुए कहा था,''इस मामले में जो पुलिस अधिकारी दोषी होंगे उन्हें इसका खामियाजा भुगतना होगा, लेकिन अनिल देशमुख को गृह मंत्री पद से इस्तीफा देने की आवश्यकता नहीं है. उनकी कुछ भी गलती नहीं है.''

राकांपा के पूरी तरह देशमुख के बचाव में रहने के संकेत मिले

इससे राकांपा के पूरी तरह देशमुख के बचाव में रहने के संकेत मिले. एक प्रकार से राकांपा की यह भूमिका रही कि एंटीलिया मामला हो या उसमें सचिन वाझे की कथित मदद जैसे मुद्दे, पूरी तरह पुलिस अधिकारी स्तर की है और इसमें गृह मंत्री का कुछ भी योगदान नहीं है.

शिवसेना के मुंबई ठाणे के कुछ स्थानीय नेताओं का नाम भी इस मामले में जोड़ा गया था. इस तरह भाजपा के कुछ नेता दावा कर रहे थे कि शिवसेना के बड़े नेताओं तक इस मामले के तार जुड़े हैं. युवा शिवसेना नेता वरुण सरदेसाई पर भी आरोप मढ़े गए. वे ठाकरे के करीबी रिश्तेदार हैं. इस सिलसिले में जो भी जांच हो वह की जाए. हालांकि, परमबीर सिंह के पत्र ने आरोपों की दिशा बदल दी है. फडणवीस ने पहली बार अनिल देशमुख के इस्तीफे की अथवा उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है.

सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे के खिलाफ एक महिला के आरोप लगाए जाने के बाद उनका मंत्री पद खतरे में पड़ गया था. लेकिन, राकांपा ने उनका बचाव किया. इसके बाद अब इस ओर उत्सुकता बनी हुई है कि क्या देशमुख का बचाव करने में राकांपा को सफलता मिलेगी और इस प्रकरण में मुख्यमंत्री ठाकरे क्या भूमिका निभाएंगे.

आरोपों की दिशा बदलने पर शिवसेना में अटकलेंः इस मामले को लेकर जारी घटनाक्रम के मद्देनजर महा विकास आघाड़ी सरकार के दो प्रमुख दल शिवसेना और राकांपा के बीच 'ब्लेम गेम' सामने आता दिख रहा है. एंटीलिया मामले के सामने आने से विपक्ष की ओर से जारी आरोपों की वजह से शिवसेना में बेचैनी थी. मालूम चला है कि इस बात को लेकर अटकलें शुरू थी कि आरोपों की दिशा कैसे बदली जाए.

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