मध्य प्रदेश चुनाव: बीजेपी का चेहरा शिवराज, कांग्रेस में चेहरे तमाम

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 15, 2018 01:34 AM2018-11-15T01:34:50+5:302018-11-15T01:34:50+5:30

 14 नवंबर मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन वापसी की अंतिम तारीख गुजरने के साथ ही दृश्य स्पष्ट हो गया है

Madhya Pradesh Elections: BJP faces Shivraj, faces in | मध्य प्रदेश चुनाव: बीजेपी का चेहरा शिवराज, कांग्रेस में चेहरे तमाम

मध्य प्रदेश चुनाव: बीजेपी का चेहरा शिवराज, कांग्रेस में चेहरे तमाम

 14 नवंबर मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन वापसी की अंतिम तारीख गुजरने के साथ ही दृश्य स्पष्ट हो गया है. एक तो यह कि मप्र की अधिकांश सीटों पर चुनावी मुकाबला आमने-सामने का है. दूसरा यह कि भाजपा में चुनावी अभियान का चेहरा ही नहीं रणनीति का दारोमदार भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर है. पार्टी के चुनावी विज्ञापनों से लेकर होर्डिंग में सिर्फ शिवराज सिंह चौहान को ही प्रोजेक्ट किया जा रहा है.

कांग्रेस ने भले ही नेतृत्व मेंे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कमलनाथ और चुनाव अभियान समिति के सदस्य के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को आगे किया हो, पर उनके अलावा भी कांग्रेस के तमाम चेहरे हैं, जो अपने आपको मुख्यमंत्री की रेस में बनाए हुए हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापसी की अंतिम तारीख 14 नवंबर थी. प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए चुनावी मैदान में भाजपा ने सभी 230 सीटों पर और कांग्रेस ने 229 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं.

कांग्रेस ने एक सीट लोकतांत्रिक जनता दल के लिए बुंदेलखंड के जतारा में छोड़ी है. चुनाव के शुरुआती दौर में माना जा रहा था कि कांग्रेस, बसपा, सपा, गोगपा, जयस जैसे तमाम दलों के साथ गठबंधन कर चुनावी समर में उतरेगी पर ऐसा हुआ नहीं. कांग्रेस ने तीसरी जमात में खड़े छोटे दलों बसपा, सपा, गोंगपा और जयस से बातचीत का दिखावा तो किया पर बातचीत कुछ इस तरह चली कि कोई नतीजा नहीं निकल पाया.

इसी के चलते बसपा प्रमुख मायावती ने आरोप लगा डाला था कि राहुल गांधी तो चाहते थे पर दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस और बसपा के बीच गठबंधन में पेंच डाल दिया. इसी तरह सपा के प्रमुख अखिलेश यादव भी इंतजार करते रहे कि कांग्रेस का न्यौता आएगा पर कोई गठबंधन नहीं हो पाया और न ही दोस्ताना मुकाबले के लिए कोई बात बनी. गोंगपा और जयस भी ठगे से रह गए. जयस के प्रमुख डॉक्टर हीरालाल अलावा चुनाव पूर्व कांग्रेस से 25 सीटें मांग रहे थे पर बात नहीं बनी तो वे खुद ही कांग्रेस के टिकट पर धार जिले के मनावर से प्रत्याशी हो गए.

इसके चलते जयस में बगावत हो गई. एक दो दिन में मध्य प्रदेश का चुनावी परिदृश्य साफ हो जाएगा लेकिन यह तय है कि चुनावी समर में तीसरे दलों से ज्यादा मुसीबतें ज्यादा ही बड़ी पार्टियों के बागी खड़ा कर रहे हैं. तीसरे दल उत्तर प्रदेश से लगने वाले इलाकों में निश्चित तौर पर कई विधानसभा क्षेत्रों में त्रिकोणीय या चतुर्थ कोणीय संघर्ष खड़ा कर रहे हैं. भाजपा की तुलना में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में सर्वे और फीडबैक के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं के बीच प्रत्याशियों के चयन से लेकर चुनाव अभियान में सामंजस्य बनाने की रणनीति अख्तियार की है. टिकटों के बंटवारे में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अरुण यादव और सुरेश पचौरी के गुटों और उनकी राय को पर्याप्त महत्व दिया गया.

वैसे, अभी तक कांग्रेस के इलेक्शन कैंपेन में जारी की जा रही प्रचार सामग्री और होर्डिंग में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के चेहरों को रखा गया है. इसके बावजूद प्रदेश कांग्रेस के दूसरे तमाम नेताओं मसलन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया को उनके प्रभाव क्षेत्रों में प्रस्तुत और प्रचारित किया जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस नेतृत्व भलीभांति जान चुका है मध्य प्रदेश में उसकी सफलता गुटीय समन्वय और एकजुटता से ही होगी.

Web Title: Madhya Pradesh Elections: BJP faces Shivraj, faces in

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