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Madhya Pradesh: पत्र से मचा हड़कंप, डीजीपी ने आला अफसरों पर उठाए सवाल, पूर्व सीएम उमा भारती ने की प्रशंसा

By शिवअनुराग पटैरया | Updated: June 8, 2020 21:11 IST

जौहरी ने पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ पुलिस अधिकरियों को पत्र लिखा है.  यह पत्र सार्वजनिक होते ही प्रदेश के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में तूफान सा खड़ा हो गया है.

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ठळक मुद्देजौहरी के पत्र में उठाए गए मुद्दों का पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने लगातार 4 ट्वीट कर समर्थन किया है.दो दर्जन से ज्यादा अधिकारियों लापरवाह कार्यशैली पर चिंता जताते हुए, अधिकारियों को एक पत्र लिखकर समझाइश भरी फटकार लगाई है. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने ट्वीट में कहा कि  मेरे पास 1990 से शासन प्रदत्त सुरक्षा व्यवस्था रही है.

भोपालः  मध्य प्रदेश के महानिदेशक पुलिस (डीजीपी) विवेक जौहरी ने अप्रत्याशित रूप से राज्य के आला पुलिस अधिकारियों के काम काज पर सवाल खड़े किए हैं.

इसको लेकर जौहरी ने  पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ पुलिस अधिकरियों को पत्र लिखा है.  यह पत्र सार्वजनिक होते ही प्रदेश के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में तूफान सा खड़ा हो गया है. जौहरी के पत्र में उठाए गए मुद्दों का पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने लगातार 4 ट्वीट कर समर्थन किया है.

मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने पुलिस मुख्यालय में पदस्थ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों में से दो दर्जन से ज्यादा अधिकारियों लापरवाह कार्यशैली पर चिंता जताते हुए, अधिकारियों को एक पत्र लिखकर समझाइश भरी फटकार लगाई है.

उन्होंने पिछले दिनों लिखे इस पत्र में कहा है कि कुछ अधिकारी कार्यालय ही नहीं आते हैं तो कुछ लंच बाद लौटकर ही नहीं आते हैं. जबकि कुछ अधिकारी कब आते हैं औेर कब जाते हैं. उनके लिए आफिस आना-जाना कोई मायने नहीं रखता है. पुलिस महानिदेशक के पत्र से अफसरों में हड़कंप मच गया है. उमा ने की प्रशंसा, किए 4 ट्वीट

मध्य प्रदेश के डीजीपी विवेक जौहरी का वह पत्र जो सार्वजनिक हुआ है उसमें जो तथ्य हैं वह एक सच्चाई है. विवेक जौहरी जैसा ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, साहसी अधिकारी ही इस मुद्दे को उठाने की पात्रता रखता है. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने ट्वीट में कहा कि  मेरे पास 1990 से शासन प्रदत्त सुरक्षा व्यवस्था रही है.

इसलिए मैं स्वयं इसकी साक्षी हूं कि सामान्य श्रेणी के पुलिसकर्मी एवं अधिकारी अपने कर्तव्य के प्रति जितने जागरूक एवं परिश्रमी होते हैं उनकी तुलना में उच्च श्रेणी के पुलिस अधिकारी आलसी लापरवाह होने लग जाते हैं इसमें कुछ अपवाद भी होते हैं जो उच्च पदों पर रह करके भी उतने ही सतर्क परिश्रमी रहते हैं जितने कि वह अपने सर्विस काल के आरंभ में थे विवेक जौहरी स्वयं इसके उदाहरण हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा अब इस मसले पर हमारे राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा एवं स्वयं विवेक जौहरी  निर्णय लें एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को चापलूसी, राजनीतिक दलों के परिवर्तन के साथ पक्षपात एवं प्रमाद से बचें  इससे राज्य की कानून-व्यवस्था बहुत दुरुस्त रहेगी. उमा भारती ने कहा मैं विवेक जौहरी  का पूर्ण समर्थन करते हुए.@ विवेक जौहरी को आवाहन करती हूं कि मध्य प्रदेश को कानून-व्यवस्था के मसले में माडल स्टेट बनाकर दिखाएं.

टॅग्स :मध्य प्रदेशशिवराज सिंह चौहानउमा भारतीकांग्रेसभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)ज्योतिरादित्य सिंधियाकमलनाथ
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