भोपालः मध्य प्रदेश में अब किसानों को लेकर राजनीति में आरोपों का नया दौर प्रारंभ हो गया है। प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने आरोप लगाया है कि किसानों की कर्जमाफी का वादा करके सत्ता में आई कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का भी लाभ नहीं दिया।
पटेल ने कहा कि सत्ता परिवर्तन के साथ किसानों की स्थिति में भी परिवर्तन आया है उन्हें 2018 और 2019 के फसल बीमा योजना के लाभ देना शुरू किया गया है। कमल पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता संभालते ही 2018 की फसल बीमा योजना का राज्यांश 2200 करोड़ रुपये जमा किया अब वर्ष 2019 का राज्यांश भी जमा कराया जा रहा है।
कमलनाथ सरकार के राज्यांश का भुगतान नहीं करने से किसानों को लाभ नहीं मिल रहा था
कमल पटेल ने कहा कि कमलनाथ सरकार के राज्यांश का भुगतान नहीं करने से किसानों को लाभ नहीं मिल रहा था। कांग्रेस द्वारा फसल बीमा योजना के लिए पटवारी हल्के को आधार बनाने से किसानों को हो रहे नुकसान के आरोप पर कमल पटेल ने कहा कि कांग्रेस ने 55 साल राज करने के बाद भी किसानों के लिए कुछ नहीं किया, वर्ष 2000 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी फसल बीमा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम लाए जिससे किसानों को मदद मिली।
कमल पटेल ने बताया कि फसल बीमा योजना के लिए पहले तहसील इकाई थी जिसे उन्होंने 2005 में राजस्व मंत्री रहते पटवारी हल्के में तब्दील किया था, उस दौरान राज्य में 11 हजार 822 पटवारी हल्के थे, गांव को पटवारी हल्का बनाने से अब 54 हजार गांवों के बीच 23 हजार पटवारी हल्के हैं जिससे फसल बीमा का ज्यादा लाभ मिल पा रहा है।
कमल पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश किसानों को सर्वाधिक बीमा लाभ दिलाने वाला राज्य है। कमल पटेल ने कहा कि प्रदेश में किसानों को शून्य ब्याज दर पर कर्ज दिया जा रहा है कांग्रेस के टाइम 18 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देकर कांग्रेस ने उनके खेत तक बिकवा दिए थे इसलिए किसानों को लेकर कोई बात करने का उन्हें अधिकार नहीं है, भाजपा सरकार किसानों की हर जरूरत को पूरा कर रही है।