भोपालः मध्य प्रदेशकांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने प्रदेश की शिवराज सरकार ने उनके दूसरे पूर्व मंत्रियों के बंगले खाली करवाने के मुद्दे पर कहा कि यह सरकार चुन-चुनकर विधायकों और पूर्व मंत्रियों को बंगला खाली करवाने का नोटिस दे रही है.
खासतौर पर एससी, एसटी नेताओं से बंगले खाली करवाये जा रहे हैं. साधौ ने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने भाजपा के कई नेता जो मंत्री पद पर नहीं रहे थे उनको कभी बंगला खाली करवाने का नोटिस नहीं भेजा.
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मंत्री भूपेन्द्र सिंह, नरोत्तम मिश्रा, विश्वास सारंग, जगदीश देवड़ा, पारस जैन, सुरेन्द्र पटवा, रामपाल सिंह, कृष्णा गौर, दीपक जोशी जैसे भाजपा नेता कमलनाथ सरकार के दौरान सरकारी बंगलों में रहे, लेकिन कांग्रेस ने द्वेषपूर्ण कार्रवाई नहीं की.
जिसमें सुरेन्द्र पटवा और कृष्णा गौर तो मात्र विधायक है, जिन्हें बी टाइप बंगले मिले हुए है. पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि सरकारी बंगलों पर मेरी और न किसी और की बपौती नहीं है, पर विधानसभा ने अपने सदस्यों के लिए नियम कानून बनाए है. इसके आधार पर वह इन बंगलों में रहने के पात्र है. जिसकी यह सरकार अनदेखी कर रही है.
साधौ ने कहा कि शिवराज सरकार इस कोरोना काल में भेदभाव पूर्व रवैया अपनाकर एससी और एसटी विधायकों और पूर्व मंत्रियों से बंगला खाली करवाने नोटिस भेज रही है. जिसमें दो एससी विजयलक्ष्मी साधौ और सज्जन वर्मा तथा दो एसटी बाला बच्चन और उमंग सिंघार को नोटिस दिए गए हैं.
पूर्व मंत्री साधौ ने कहा कि आखिर शिवराज सरकार भेदभाव पूर्ण रवैया क्यों अपना रही है. पहली बार के विधायकों को बी टाइप बंगले और जो पाँच बार के विधायक हो, एक बार उच्च सदन का सांसद रहा हो, चार बार का मंत्री हो और पात्र हो उसे बंगले से बाहर निकालने का नोटिस दिया जा रहा है. कोरोना काल में बंगले में घुसकर महिलाओं और बच्चों को बाहर निकालने की कार्ईवाई की जा रही है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने फसल लहलहाई, नेताओं ने उजाड़ा
प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्षी कांग्रेस के कार्यकतार्ओं ने मेहनत करके फसल को लहलहा दिया, लेकिन नेताओं ने खड़ी फसल को उजाड़ दिया. अब विपक्ष के कार्यकतार्ओं ने घेराव करना चाहिए विपक्ष के दिग्गज नेताओं का घेराव करना चाहिए.
डा. मिश्रा ने प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि देश और प्रदेश में कांग्रेस लगभग समाप्ति की ओर है क्योंकि यह कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं. इनके नेता किसी भी मत पर एकमत नहीं है. बासमती के जी आई टैग के मामले में भी सब के अलग-अलग बयान है. विपक्ष में बचे ही कितने लोग हैं इनको कोई भी कुछ भी नहीं मानता वे खुद भी अपने आप को नहीं मानते होंगे.
कांग्रेस ने विधायकों ने तभी तो इस्तीफा दिया जब उनके विधानसभा क्षेत्रों में काम नहीं हुआ. विपक्ष ने उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास के कोई काम ही नहीं किए. अब हम भी उनका ध्यान नहीं रखेंगे तो उन क्षेत्रों का विकास कौन करेगा.
आपने प्रदेश के लोगों से कहा कि कोरोना से घबराएं, नहीं सावधानी रखें. तत्काल अस्पताल आए. 3 दिन से अधिक नहीं होना चाहिए. मध्य प्रदेश में रिकवरी रेट बहुत अच्छा है. लगभग 80 प्रतिशत के आसपास आ रहा है मुख्यमंत्री प्रतिदिन कोरोना की समीक्षा कर रहे हैं.