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मध्य प्रदेश: भोपाल में होता रहा इंतजाम, नहीं आए सिंधिया समर्थक विधायक

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: March 14, 2020 04:40 IST

सुबह जब यह खबर आई कि भाजपा ने सिंधिया समर्थक विधायकों को भोपाल लाने के लिए 3 छोटे विमान बेंगलुरु भेजे हैं तो कांग्रेस नेतृत्व के साथ ही पुलिस और प्रशासन चौकस हो गया. इस बीच कुछ कांग्रेस नेता भी विमान तल परदिखाई दिए जिसमें लोकनिर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा प्रमुख थे.

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ठळक मुद्देमध्य प्रदेश में चल रही राजनीतिक रसाकस्सी के बीच शुक्रवार को बेंगलुरु से भोपाल आ रहे सिंधिया समर्थक विधायकों का आना टल गया, सिंधिया समर्थक विधायकों की आगवानी करने भाजपा के तमाम नेता और कार्यकर्ता डटे रहे. इन विधायकों को ले जाने के लिए बसें भी लगाई गई थीं. सिंधिया गुट के विधायकों के आने की सूचना के साथ ही भोपाल विमान तल पर भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ धारा 144 लगा दी गई.

मध्य प्रदेश में चल रही राजनीतिक रसाकस्सी के बीच शुक्रवार को बेंगलुरु से भोपाल आ रहे सिंधिया समर्थक विधायकों का आना टल गया, सिंधिया समर्थक विधायकों की आगवानी करने भाजपा के तमाम नेता और कार्यकर्ता डटे रहे. इन विधायकों को ले जाने के लिए बसें भी लगाई गई थीं. सिंधिया गुट के विधायकों के आने की सूचना के साथ ही भोपाल विमान तल पर भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ धारा 144 लगा दी गई. शाम साढ़े छह बजे यह साफ हो गया कि विधायक नहीं आ रहे हैं तो भाजपा कार्यकर्ता भी चले गए और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था भी हटा ली गई.

सुबह जब यह खबर आई कि भाजपा ने सिंधिया समर्थक विधायकों को भोपाल लाने के लिए 3 छोटे विमान बेंगलुरु भेजे हैं तो कांग्रेस नेतृत्व के साथ ही पुलिस और प्रशासन चौकस हो गया. इस बीच कुछ कांग्रेस नेता भी विमान तल पर दिखाई दिए जिसमें लोकनिर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा प्रमुख थे. वैसे उन्होंने विमान तल पर संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि बेंगलुरु से जयपुर होते हुए आया हूं और शाम को जयपुर वापस जाऊंगा. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में हमारे विधायकों को भाजपा के गुंडे बंधक बनाए हुए हैं.  

दिन में सोशल मीडिया पर बेंगलुरु से भोपाल आ रहे चार्टर्ड विमान का एक वोर्डिंग पास वायरल हुआ जिसमें 10 यात्रियों के नाम दर्ज थे. इनमें सिंधिया समर्थक विधायक इमरती देवी, मनोज चौधरी, एंदल सिंह कंसाना, रक्षा सिरोनिया, जयवंत जाटव और सुरेश धाकड़ के साथ ही भाजपा नेता अरविंद भादौरिया और रमाकांत भार्गव के नाम भी थे. इसके साथ ही दूसरे वायरल वोर्डिंग पास में तुलसी राम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी, राजवर्द्वन सिंह, कमलेश जाटव के नाम प्रमुख थे. बताया गया है कि बेंगलुरु विमान तज पर घंटे इंतजार करने के बाद भोपाल आ रहे कांग्रेस के विधायक फिर रिजॉर्ट में वापस चले गए.

कल का दिया समय विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने आज शाम संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि वह सिंधिया समर्थक 6 विधायकों के भोपाल आकर उनसे मिलने के लिए 3 घंटे इंतजार करते रहे पर वह नहीं आए. कल फिर 12 बजे विधायकों का इंतजार करुंगा. गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष ने नोटिस जारी कर 13 मार्च को 6, 14 मार्च को 7 और 15 मार्च को 9 विधायकों को उनके समक्ष उपस्थित होने का नोटिस भेजा था.

विमानतल पर भिड़े कार्यकर्ता

मध्यप्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच आज भोपाल विमानतल पर सिंधिया समर्थक और कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी का माहौल है और धारा 144 लगा दी गई और सुरक्षा के इंतजाम भी बढ़ा दिए थे. इन कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी थी कि सिंधिया समर्थक विधायक बेंगलुरु से भोपाल आ रहे हैं, जिसके चलते ये यहां पहुंचे थे.

सिंधिया समर्थक मंत्रियों को हटाया

मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की सलाह पर सिंधिया समर्थक 6 मंत्रियों को पद से हटा दिया है. इन मंत्रियों ने पहले ही राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफे भेज दिए थे. राज्यपाल ने आजजिन मंत्रियों को हटाया है उनमें इमरती देवी, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर और डा. प्रभुराम चौधरी हैं.

दूसरे मंत्रियों को सौंपा प्रभार

राज्यपाल द्वारा सिंधिया समर्थकों को निष्कासित करने के बाद इन मंत्रियोंके विभागों का प्रभार दूसरे मंत्रियों को सौंपा गया है. जिन मंत्रियों को प्रभार सौंपा उनमें विजयलक्ष्मी साधो को महिला बाल एवं विकास, मंत्रीगोविंद सिंह को खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग,  बृजेंद्र सिंह राठौर को परिवहन विभाग, सुखदेव पांसे को श्रम विभाग,  जीतू पटवारी को राजस्व विभाग, कमलेश्वर पटेल को स्कूल शिक्षा विभाग और तरुण भनोट को स्वास्थ्य विभाग का प्रभार सौंपा है.

शिवराज के निवास पर बंद कमरे में बैठक

मध्यप्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच जब सिंधिया समर्थक विधायक भोपाल नहीं पहुंचे और मुख्यमंत्री कमलनाथ राज्यपाल से मिल आए तो भाजपा में भी हलचल मच गई. मुख्यमंत्री के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अन्य भाजपा नेता भी राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से बजट सत्र के दौरान सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निवास पर भाजपा नेताओं की बैठक शुरू हुई. यह बैठक बंद कमरे में होती रही. बैठक में  केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर, नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव मौजूद थे.

टॅग्स :मध्य प्रदेशकांग्रेसज्योतिरादित्य सिंधियाभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
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