नई दिल्ली, 27 फरवरी: इंडियन पोलिटकर एक्शन कमेटी (आईपीएसी) कार्रवाई समिति ने मंगलवार (27 फ़रवरी) को चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीजेपी में वापसी की खबरों को अफवाह बताते हुए खारिज किया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2014 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ऐतिहासिक जीत हुई थी। माना जाता है कि इस जीत में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपना अहम योगदान दिया था। हालांकि इस चुनाव के बाद प्रशांत किशोर बीजेपी से अलग हो गए थे। लेकिन मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट्स में यह बताया जा रहा था कि लोकसभा चुनाव 2019 में प्रशांत किशोर एक बार फिर से नरेंद्र मोदी के चुनाव अभियान की जिम्मेदारी उठा सकते हैं।
जी न्यूज के मुताबिक आईपीएसी के सीनियर अधिकारी ने बताया कि प्रशांत किशोर के बीजेपी से जुड़ने की खबर बेबुनियाद है। उन्होंने बताया की वह लगातार सभी प्रमुख पार्टियों से मिल रहें हैं लेकिन बीजेपी के सदस्यों से उनकी हालिया बातचीत का कुछ मतलब नहीं निकला जाना चाहिए। गौरतलब है कि गुजरात 2012 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत का श्रेय प्रशांत किशोर को ही दिया जाता है लेकिन कुछ कारणों से नरेंद्र मोदी और प्रशांत किशोर के बीच दूरी बढ़ गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब फिर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और किशोर के बीच 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर कई बार मुलाकात हो चुकी है। पीएम मोदी और किशोर पिछले 6 महीने से संपर्क में हैं।बीजेपी से अलग होने के बाद 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को जीत दिलाई। इसके बाद 2017 में प्रशांत कांग्रेस से जुड़े। पंजाब और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रशांत ने रणनीति बनाई। इसके बाद पंजाब में कांग्रेस ने 77 सीट मिली, हालांकि उत्तर प्रदेश में उनकी रणनीति का असर नहीं दिखा। अब माना जा रहा है कि यह बीजेपी का साथ देंगे। लेकिन यह इस बात की अभी पुष्टि नहीं की जा सकती।