लोकसभा चुनावः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर क्यों लगातार निशाना साध रहे हैं पीएम मोदी?

By प्रदीप द्विवेदी | Published: May 15, 2019 04:38 PM2019-05-15T16:38:59+5:302019-05-15T16:38:59+5:30

गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी की सियासी पकड़ लगातार कमजोर होती गई, जिसके नतीजे में बीजेपी को कई उपचुनावों में हार देखनी पड़ी.

Lok Sabha election 2019: why PM Modi is constantly targeting Chief Minister Ashok Gehlot? | लोकसभा चुनावः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर क्यों लगातार निशाना साध रहे हैं पीएम मोदी?

अशोक गहलोत- नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

Highlightsगुजरात विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी की सियासी पकड़ लगातार कमजोर होती गईदेश में सियासी जोड़तोड़ में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का कोई मुकाबला नहीं है

पीएम नरेन्द्र मोदी आखिर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इतने नाराज क्यों हैं, जो बार-बार उन पर सियासी हमले कर रहे हैं? अशोक गहलोत से पीएम मोदी की नाराजगी पंजाब-गुजरात से होते हुए राजस्थान और आगे पहुंची है.

इसकी शुरूआत पंजाब विधानसभा चुनाव से हुई, जब वर्ष 2014 और उसके बाद लगातार नाकामयाबी के बाद पहली बार कांग्रेस ने कामयाबी दर्ज करवाई. इस चुनाव में अशोक गहलोत की महत्वपूर्ण भूमिका थी, लेकिन असल में तो वे गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के चाणक्य बन कर उभरे.

गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी हुई कमजोर

गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी की सियासी पकड़ लगातार कमजोर होती गई, जिसके नतीजे में बीजेपी को कई उपचुनावों में हार देखनी पड़ी. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस की विषम राजनीतिक परिस्थिति में अशोक गहलोत की खास भूमिका रही, जब कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन दे कर, सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली बीजेपी को सत्ता से दूर कर दिया.

गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भी पीएम मोदी ने अशोक गहलोत की मौजूदगी और सक्रियता पर प्रश्नचिन्ह लगाया था, तभी तो सीएम गहलोत ट्वीट कर रहे हैं कि- गुजरात में इंचार्ज रहते हुए राजस्थान के हितों की रक्षा करने को लेकर मुझे मोदी जी के आरोप सुनने पड़े तो उनको क्या अधिकार था, यहां राजस्थान में आकर कैम्पेन करने का? वहीं व्यक्ति यहां राजस्थान में आकर जनता को आह्वान कर रहे हैं, उन्हें यहां सपोर्ट मांगने का नैतिक अधिकार है ही नहीं!

अमित शाह पर अशोक गहलोत भारी

देश में सियासी जोड़तोड़ में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का कोई मुकाबला नहीं है, लेकिन राजस्थान में अशोक गहलोत ने सियासी जोड़तोड़ के मामले में उन्हें मात दे दी है. अब तक वे कभी बीजेपी के प्रमुख मंत्री रहे जैसे बड़े कई नेताओं को कांग्रेस के साथ ले आए हैं.

वर्ष 2013 में राजस्थान विधानसभा चुनाव से कांग्रेस की नाकामयाबी की कहानी शुरू हुई थी और इसके बाद 2014 में नरेन्द्र मोदी पहली बार बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली केन्द्र सरकार में प्रधानमंत्री बने. अब वर्ष 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव से इसी प्रदेश से बीजेपी की उल्टी गिनती शुरू हुई है, जिसने राहुल गांधी को जीतने वाला नेता बनाया, तो- मोदी को मात देना मुश्किल है, जैसी धारणा को ढेर कर दिया.

2014 के चुनाव में कांग्रेस धराशाही

जाहिर है, पीएम मोदी की सीएम गहलोत से नाराजगी स्वाभाविक है. वर्ष 2014 के चुनाव में पीएम मोदी टीम ने कांग्रेस को शून्य के करीब पहुंचा दिया था, लेकिन राहुल गांधी की मेहनत और अशोक गहलोत जैसे नेताओं की सक्रियता से कांग्रेस बीजेपी की टक्कर में आ कर खड़ी हो गई है. यही वजह है कि पीएम मोदी बार-बार और लगातार सीएम गहलोत पर सियासी वार कर रहे हैं.

याद रहे, राजस्थान की चुनाव सभा में ही मोदी ने कहा था कि- जो छेड़े, उसे हम छोड़ते नहीं हैं!

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