Lockdown: विपक्ष ने मोदी सरकार से पूछा- लॉकडाउन में विस्तार लेकिन गरीबों के लिए राहत कहां है

By भाषा | Published: April 15, 2020 05:43 AM2020-04-15T05:43:51+5:302020-04-15T05:43:51+5:30

भाकपा के महासचिव डी राजा ने लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने को अपेक्षित बताते हुये कहा कि प्रधानमंत्री से उनके संबोधन में आजीविका के संकट से निपटने के लिये आर्थिक पैकेज घोषित किये जाने की उम्मीद थी।

Lockdown: Opposition asks Modi government- extension in lockdown but where is relief for poor | Lockdown: विपक्ष ने मोदी सरकार से पूछा- लॉकडाउन में विस्तार लेकिन गरीबों के लिए राहत कहां है

लॉकडाउन का सांकेतिक दृश्य

Highlightsविपक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी तरह से देश के गरीबों को निराश किया है।जदयू प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने कहा, ‘‘खतरा अभी टला नहीं है। हम प्रधानमंत्री द्वारा घोषित कदमों का समर्थन करते हैं।’’

नयी दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाए जाने की घोषणा किये जाने के बाद मंगलवार को सभी विपक्षी दलों ने एक ओर जहां इसका स्वागत किया है, वहीं दूसरी ओर गरीबों, उद्योगों तथा अन्य के लिए राहत पैकेज के अभाव को लेकर सवाल भी उठाए हैं। इस संबंध में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल किया है कि आखिर कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए सरकार के पास क्या रोडमैप है? पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि सरकार को सिर्फ जनता को उसकी जिम्मेदारी का अहसास नहीं कराना चाहिए, बल्कि अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन भी करना चाहिए।

उन्होंने ट्वीट किया, '' मोदी जी, देश ने 21 दिन का लॉकडाउन माना। देश 20 दिन का लॉकडाउन भी मानेगा। पर नेतृत्व के मायने केवल देशवासियों को जिम्मेदारी का अहसास दिलाना नहीं बल्कि सरकार और शासक की जनता के प्रति जबाबदेही व जिम्मेदारी का निर्वहन भी है।'' उन्होंने सवाल किया, '' बातें बहुत हुईं पर कोरोना से लड़ने का रोडमैप क्या है? '' प्रधानमंत्री की सात कदमों से जुड़ी अपील का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ''कोरोना की रोकथाम का एक मात्र रास्ता है-जांच। जांच कई गुना बढ़ाने की क्या योजना है?'' उन्होंने यह सवाल भी किया, '' पलायन कर चुके करोड़ों मज़दूर आज रोज़गार-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं। इस संवेदनशील व मानवीय मसले पर आपका ऐक्शन प्लान क्या है?'' कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ''प्रधानमंत्री ने बताया कि लोग क्या करें , लेकिन यह नहीं बताया कि देशवासियों के लिए सरकार क्या कर रही है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते थे कि प्रधानमंत्री बताएंगे की जांच की रफ्तार बढ़ाने के लिए क्या कर रहे हैं? स्वास्थ्यकर्मियों को निजी सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के संदर्भ में कोई जनकारी नहीं दी। फसलों की कटाई और उपज की खरीद की व्यवस्था को लेकर कुछ नहीं बताया। कामगारों और मनरेगा मजदूरों को राहत देने के किये कुछ नहीं बताया।'' पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, ''हम लॉकडाउन बढ़ाने की मजबूरी समझते हैं। हम इस निर्णय का समर्थन करते हैं।'' उन्होंने आरोप लगाया, '' लेकिन गरीबों को 40 दिनों (21+19) के लिए बेसहारा छोड़ दिया गया है। पैसा है, खाद्य सामग्री है, लेकिन सरकार इन्हें जारी नहीं कर रही।''

इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस की जांच के लिए जरूरी किट खरीदने में विलंब किया गया जिस कारण आज देश में किट की कमी है और जांच की स्थिति के मामले में दूसरे देशों के मुकाबले भारत बहुत पीछे रह गया है। उन्होंने ट्वीट किया, ''भारत में 10 लाख की आबादी पर 149 लोगों की जांच हुई है। इससे हम लाओस (157), नाइजर (182) और होंडुरास (162) जैसे देशों के समूह में शामिल हैं।'' वहीं, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 7 सूत्र वाक्यों और 3 मई तक लॉकडाउन के दिशानिर्देशों का अक्षरश: पालन करने को कहा ताकि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जीत हासिल की जा सके। नड्डा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने आज देश में लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की। हमें इसका पालन पूर्ण संयम और संकल्प के साथ करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूर्ण विश्वास है कि जिस तरफ़ हमने अभी तक एकजुट होकर हर निर्देश का पालन किया, वैसे ही आगे भी करेंगे और कोरोना को हराएँगे।’’ केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई ट्वीट करके संपन्न लोगों से अपने आसपास रहने वाले जरूरतमंद लोगों की मदद करने की अपील की। उन्होंने लिखा है, ‘‘देश के गृह मंत्री के नाते मैं जनता को पुनः आश्वस्त करता हूं कि देश में अन्न, दवाई और अन्य रोजमर्रा की चीजों का पर्याप्त भण्डार है, इसलिए किसी भी नागरिक को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।’’ शाह ने कहा, ‘‘साथ ही संपन्न लोगों से आग्रह करता हूं कि आप आगे आकर आसपास रहने वाले गरीबों की सहायता करें।’’ उन्होंने राज्य सरकारों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि सभी प्रदेश सरकारें जिस प्रकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रहीं हैं वह सचमुच प्रशंसनीय है।

हालांकि, प्रधानमंत्री द्वारा लॉकडाउन की अवधि में विस्तार को बहुत अच्छा और सटीक कदम बताते हुए जदयू प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने कहा, ‘‘खतरा अभी टला नहीं है। हम प्रधानमंत्री द्वारा घोषित कदमों का समर्थन करते हैं।’’ उन्होंने साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से किसानों और मजदूरों की जरूरतों पर प्राथमिकता के आधार पर ध्यान देने का अनुरोध किया। त्यागी ने कहा, ‘‘जब भी सरकार राहत कदमों की घोषणा करे, उसे किसानों और मजदूरों की जरूरतों को प्राथमिकता के आधार पर ध्यान देना चाहिए ताकि गरीब लोग अपनी रोजी-रोटी कमा सकें और किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य प्राप्त हो सके।’’ लोजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी लॉकडाउन को बढ़ाने के निर्णय का समर्थन करती है। पासवान ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कड़ा फैसला किया है।

अगर लोग उनके सात सुझाव का पालन करेंगे तो कोरोना वायरस के खिलाफ हमारी जीत निश्चित है।’’ लॉकडाउन अवधि में विस्तार को लेकर वामदल कुछ खास खुश नहीं हैं। इसपर माकपा का कहना है कि कोरोना वायरस संकट को देखते हुये लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने से समाज के हाशिये पर पड़े गरीबों की दुश्वारियां और अधिक बढ़ेंगी। पार्टी ने लॉकडाउन के दौरान वंचित वर्गों की मूलभूत जरूरतों की पूर्ति के लिये कोई ठोस कार्ययोजना पेश नहीं करने का सरकार पर आरोप लगाया। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के वक्तव्य में लॉकडाउन के दौरान लागू की जाने वाली कार्ययोजना का जिक्र नहीं होने पर देश को निराशा हुयी है।

उन्होंने कहा कि मोदी ने लोगों से तो सात विभिन्न कार्य करने को कहा है लेकिन यह नहीं बताया कि सरकार, खुद क्या करेगी। उन्होंने कहा कि देश के निर्धन तबके के असंख्य जरूरतमंद लोगों को सरकार से राहत की उम्मीद थी। भाकपा के महासचिव डी राजा ने लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने को अपेक्षित बताते हुये कहा कि प्रधानमंत्री से उनके संबोधन में आजीविका के संकट से निपटने के लिये आर्थिक पैकेज घोषित किये जाने की उम्मीद थी। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, प्रधानमंत्री ने पूरी तरह से देश के गरीबों को निराश किया, क्योंकि लोगों को संकट की इस घड़ी में आजीविका की दरकार है।’’

चेन्नई में तमिलनाडु के विपक्षी दल द्रमुक के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि लोगों के मन में कई सवाल थे। उन्होंने प्रधानमंत्री से जानना चाहा कि वह कब ऐसा संबोधन देने जा रहे हैं जिससे लोगों को राहत को लेकर अपने सवालों का जवाब मिलेगा। इस बीच, भाजपा की सहयोगी पीएमके ने लॉकडाउन के विस्तार का स्वागत किया। पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य अंबुमणि रामदास ने कहा कि यह कदम लोगों की सुरक्षा के उद्देश्य से उठाया गया है और स्वागतयोग्य है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये लागू देशव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की मंगलवार को घोषणा करते हुए कहा कि इस महामारी को परास्त करने के लिये यह जरूरी है । उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि राज्यों एवं विशेषज्ञों से चर्चा और वैश्विक स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। गौरतलब है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू 21 दिन के लॉकडाउन का वर्तमान चरण आज (14अप्रैल) समाप्त हो रहा है । 

Web Title: Lockdown: Opposition asks Modi government- extension in lockdown but where is relief for poor

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे