नई दिल्लीः कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पद छोड़ने की पेशकश की और कहा कि सीडब्ल्यूसी नया अध्यक्ष चुनने के लिए प्रक्रिया आरंभ करे।
पार्टी नेतृत्व को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं ने CWC में कहा - संगठन की बेहतरी के लिए कुछ चिंताएं थीं, उन्हें बताने के लिए पत्र लिखा था। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा विश्वास रखें। अंबिका सोनी ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वालों के खिलाफ पार्टी संविधान के तहत कार्रवाई की जा सकती है। जी.एन. आज़ाद और आनंद शर्मा ने कहा कि उन्होंने सीमा में रहकर ही चिंताएं व्यक्त की अगर फिर भी किसी को लगता है कि हमने अनुशासन भंग किया है तो कार्रवाई की जा सकती है।
राहुल गांधी ने यह कभी नहीं कहा, न ही CWC में या बाहर कि यह पत्र (पार्टी नेतृत्व पर सोनिया गांधी को) भाजपा के साथ मिलकर लिखा गया था। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं, "हमारी भाजपा से मिलीभगत है" ... पिछले 30 सालों में कभी भी किसी मुद्दे पर बीजेपी के पक्ष में बयान नहीं दिया। फिर भी "हमारी भाजपा से मिलीभगत है"! सिब्बल ने "भाजपा के साथ मिलीभगत" पर किए गए अपने ट्वीट को वापिस लिया।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि गुलाम नबी आज़ाद जब कभी हैदराबाद आते मुझपर और मेरी पार्टी पर इल्जाम लगाते कि आप भाजपा का साथ दे रहे हैं भाजपा की 'बी' टीम हैं। आज उनकी पार्टी के राहुल गांधी ने उन्हें कहा है कि आपने पार्टी लेटर पर साइन कर भाजपा का साथ दिया।
सोनिया ने पद छोड़ने की पेशकश की, सीडब्ल्यूसी से नया अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया आरंभ करने को कहा
सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी की बैठक आरंभ होने के बाद सोनिया ने कहा कि वह अंतरिम अध्यक्ष का पद छोड़ना चाहती हैं और उन्होंने संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को विस्तृत जवाब भेजा है। एक सूत्र ने कहा कि इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें। सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद और पत्र लिखने वाले कुछ नेताओं एवं उनकी ओर से उठाए गए मुद्दों का हवाला दिया।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया। नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के दो खेमों में नजर आने की स्थिति बनने के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हो रही है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आ गया जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई।
हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है।
झारखंड कांग्रेस ने सोनिया से पद पर बने रहने का अनुरोध किया
झारखंड प्रदेश कांग्रेस ने पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से पद पर बने रहने का अनुरोध करते हुए सोमवार को कहा कि उनके नेतृत्व के कारण पार्टी में स्थिरता है। प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि अगर सोनिया के लिए पद छोड़ना इतना आवश्यक है तो ऐसे में पद के लिए राहुल गांधी सबसे उपयुक्त नेता हैं। साथ ही उन्होंने पार्टी नेतृत्व सहित संगठन में परिवर्तन की मांग करने वाले पार्टी के कुछ नेताओं के पत्र को अनावश्यक बताया। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष तथा राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने आज पत्र लिखकर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से पद पर बने रहने का अनुरोध किया है।
उरांव के अलावा पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी सोनिया गांधी से अपने पद पर बने रहते हुए कांग्रेस को नेतृत्व प्रदान करने का अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश कांग्रेस इस मुद्दे पर पूरी तरह एकमत है और वह पार्टी नेतृत्व में फिलहाल कोई बदलाव किये जाने के पक्ष में नहीं है।
उरांव ने कहा कि यदि केन्द्रीय नेतृत्व में बदलाव अत्यावश्यक हो तो राहुल गांधी को यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए क्योंकि उनके नेतृत्व से पार्टी के नेतृत्व में स्थिरता कायम रहेगी। दोनों ने पार्टी के कुछ शीर्ष नेताओं द्वारा पार्टी नेतृत्व में बदलाव के लिए लिखे गये पत्र को अनावश्यक बताया। ज्ञातव्य है कि गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा समेत दो दर्जन नेताओं द्वारा लिखे उक्त पत्र के सिलसिले में दिल्ली में कांग्रेस कार्य समिति की महत्वपूर्ण बैठक हो रही है ।