नई दिल्ली, 2 मई: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर प्रचार अभियान में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अगुवाई में बीजेपी नेताओं ने बुधवार को चुनाव आयोग से इस मामले में संज्ञान लेते हुये तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है। आयोग के समक्ष ज्ञापन पेश करने के बाद गडकरी ने संवाददाताओं को बताया 'कर्नाटक में अनेक स्थानों पर सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश हो रही है। इन स्थानों पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित अन्य नेता स्वयं उपस्थित होकर मुस्लिम समाज से आह्वान करते हैं कि उन्हें कांग्रेस को ही वोट देना चाहिये और मुस्लिम अगर ऐसा करते हैं तो इस्लाम उन पर प्रसन्न होगा।'
उन्होंने कहा 'हमने आयोग को कर्नाटक में मंदिरों पर लगे भगवा झंडे निकाले जाने और तटीय कर्नाटक में सुबह के समय निकलने वाली प्रभात फेरी पर प्रतिबंध लगाने की घटनाओं के सबूत भी दिये हैं।' गडकरी ने कहा कि कांग्रेस अपने प्रचार में जातिवाद और सांप्रदायिकता का कार्ड खेल रही है। इसकी राज्य चुनाव आयोग से शिकायत की गयी लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुयी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिये उम्मीदवारों के नाम लिखे प्रेशर कुकर और अन्य वस्तुयें बांटने का भी शिकायत में जिक्र किया गया है।
गडकरी ने राज्य में सत्तरूढ़ कांग्रेस पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुये कहा 'बीजेपी के विज्ञापनों को प्रसारित प्रकाशित करने से रोका जा रहा है और ऐसा करने वालों का भुगतान नहीं करने की भी धमकी दी जा रही है।' उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्त ने इन शिकायतों के तथ्यों की जांच करने और सही पाये जाने पर कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है।
प्रतिनिधिमंडल में केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, धर्मेन्द्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी और भाजपा नेता अरुण सिंह भी शामिल थे। प्रसाद ने कहा 'कांग्रेस हताश है और चुनाव हार रही है। इसलिये कांग्रेस अपने पदाधिकारियों के द्वारा चुनाव अभियान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी इन घटनाओं पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। भाजपा के प्रचार वाहनों को प्रचार अभियान में नहीं ले जाने दिया जा रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता 'सांप्रदायिक कार्ड' खेल रहे हैं। उन्होंने कहा 'जनप्रतिनिधित्व कानून में संप्रदायिक आधार पर वोट की अपील करना अपराध है। हमने सबूतों के साथ अपने आरोपों को आयोग के समक्ष पेश करते हुये 'सांप्रदायिक कार्ड' खेलने वालों के खिलाफ प्राथिमिकी दर्ज करने की मांग की है।'