कर्नाटक चुनाव: "मिशन 150" से 130 सीटों पर क्यों आ गए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह?

By स्वाति सिंह | Published: May 11, 2018 07:52 AM2018-05-11T07:52:34+5:302018-05-11T07:52:34+5:30

कर्नाटक चुनाव: कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों के लिए 12 मई को मतदान होगा। 15 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे।

Karnataka Assembly elections 2018: After 'Mission 150' failed in Gujarat, Amit Shah changed his mind | कर्नाटक चुनाव: "मिशन 150" से 130 सीटों पर क्यों आ गए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह?

karnataka assembly elections 2018

बेंगलुरु, 10 मई: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने करने के लिए सभी पार्टियों ने अपनी जान लगा दी है। कल चुनाव प्रचार का आखिरी दिन था। कल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव प्रचार के आखिरी दिन पत्रकार वार्ता करके दावा किया कि कर्नाटक में उनकी पार्टी 130 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करके सरकार बनाएगी। कर्नाटक में कुल 224 सीटें हैं जिन पर चुनाव होना है। राज्य में सरकार बनाने के लिए 113 सीटों पर जीत की जरूरत होगी। जाहिर है, बीजेपी अध्यक्ष ने जितनी सीटों पर जीत का दावा किया है उतने में सरकार तो बन जाएगी। लेकिन अमित शाह के 130 के आंकड़े का कुछ दूसरे विशेषज्ञ दूसरा ही मतलब निकाल रहे हैं। 

गौरतलब है कि हर राज्य के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी नई रणनीति बनाती है। चाहे लोक सभा चुनाव हो या उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र या गुजरात चुनाव बीजेपी ने हर राज्य में खुद के लिए सीटों का टारेगट रखा था। कर्नाटक चुनाव को लेकर भी बीजेपी ने 224 विधानसभा सीट में से 150 का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन अब ऐसा क्या हुआ कि खुद बीजेपी अध्यक्ष 130 सीटों पर जीत को लेकर ही मुतमईन हैं। कर्नाटक चुनाव चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा क्या हो गया कि अमित शाह 150 से 130 पर आ गये? राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अमित शाह के बदले हुए मिजाज के पीछे दो अहम कारण हैं। एक, पंजाब चुनाव के नतीजे और दो, गुजरात चुनाव में 150 के टारगेट रखकर 99 सीटें जीतने के बाद सोशल मीडिया में हुई किरकिरी।

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पंजाब और गुजरात  के चुनाव लगभग आगे पीछे ही हुए थे। गुजरात में बीजेपी को सबक मिला था कि अतिआत्मविश्वास जानलेवा साबित हो सकता है। गुजरात में उसे बहुमत मिल गया लेकिन उसके सीटें पिछले बार से काफी कम हो गयीं। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी और बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह दोनों का गृह प्रदेश है गुजरात फिर भी पार्टी को करीब डेढ़ दर्जन सीटों का नुकसान उठाना पड़ा और कांग्रेस को करीब 20 सीटों का फायदा हो गया। वहीं पंजाब में अमरिंदर सिंह जैसे स्थानीय मजबूत नेता की उपस्थिति में बीजेपी और उसकी साझीदार शिरोमणि अकाली दल अपनी सरकार नहीं बचा सके। अमरिंदर सिंह ने आराम से बहुमत हासिल करके अकाली-बीजेपी गठबंधन को सत्ता से बाहर कर दिया। 

अमित शाह को बीजेपी आधुनिक चाणक्य कहती है। ऐसे में बीजेपी के चाणक्य इन दोनों राज्यों का चुनावी सबक भला कैसे भूल सकते हैं। कर्नाटक चुनाव से पहले ही अमित शाह ने इस बात के संकेत दे दिये थे कि कर्नाटक में बीजेपी को टक्कर मिलेगी। पिछले महीने ही एक निजी टीवी में इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने कहा था कि कर्नाटक में सब कुछ सिचुएशन पर निर्भर करता है जिसमें कि विपक्ष का गठबंधन क्या होगा वगैरा। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि यह तय है कि हम ही बहुमत के साथ जीतेंगे।  इसलिए कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर किसी तरह का भ्रम ना रखते हुए पार्टी ने पहले ही साफ़ कर दिया था कि वह बीएस येदियुरप्पा को विधानसभा का भी चुनाव लड़ाएगी।

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गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 12 मई को मतदान किया जाएगा और 15 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे। अगर 2013 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव की बात करें तो 224 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस 122 सीटों पर जीती थी और सरकार बनाई थी। बीजेपी को 40 और जनता दल सेक्युलर को भी 40 सीटें मिली थीं। 13 सीटें अन्य तो बाकी 9 निर्दलीय उम्मीदवारों को मिली थीं। 

अभी तक जितने भी सर्वे हुए हैं उनमें भी यही दावा किया गया है कि कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी के बीच टक्कर होगी और राज्य में त्रिशंकु विधान सभा बन सकती है। ऐसे में एचडी कुमारस्वामी और देवगौड़ा की जनता दल (सेकुलर) किंगमेकर की भूमिका में आ सकती है।

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English summary :
BJP president Amit Shah on May 10 claimed that his party will form the next government in Karnataka with 130 seats. He said BJP will form the government on its own. The BJP had launched the campaign for Karnataka Assembly elections with mission 150 seats. However, as the campaign ended BJP claimed to win 130 seats. The polling in Karnataka will be held on May 12 while the counting of votes will take place on May 15.


Web Title: Karnataka Assembly elections 2018: After 'Mission 150' failed in Gujarat, Amit Shah changed his mind

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