CWC बैठक में राहुल गांधी की ओर से कांग्रेस के पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग को लेकर कुछ नेताओं की लिखी गई चिट्ठी पर गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद कपिल सिब्बल ने नाराजगी जताई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने कहा है कि पिछले 30 सालों में उन्होंने कभी बीजेपी के पक्ष में बात नहीं की।
कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। इसी के साथ कांग्रेस के अंदर चल रहा विवाद अब सतह पर आने लगा है।
कपिल सिब्बल ने राहुल गांधी के CWC में दिए बयान के बाद ट्वीट किया, 'राहुल गांधी कहते हैं कि हम बीजेपी से सांठगांठ कर रहे हैं। राजस्थान हाई कोर्ट में हम कांग्रेस पार्टी को बचाने में कामयाब रहे। मणिपुर में मैं बीजेपी सरकार को नीचे लाने के लिए पार्टी का बचाव कर रहा हूं। पिछले 30 साल में किसी भी मुद्दे पर मैंने बीजेपी के पक्ष में कोई बयान नहीं दिया। फिर भी, हम बीजेपी के साथ सांठगांठ कर रहे हैं।'
वहीं, सूत्रों के अनुसार गुलाम नबी आजाद ने भी बीजेपी से सांठगांठ के बयान पर अपनी नाराजगी दिखाई है। उन्होंने CWC बैठक में कहा, 'अगर राहुल गांधी के बयान 'बीजेपी से मिलीभगत' की बात साबित हो जाती है तो वे इस्तीफा दे देंगे।'
इससे पहले राहुल गांधी ने सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया।
बेहद नाराज नजर आए राहुल ने साथ ही कहा कि पत्र में जो लिखा गया था उस पर चर्चा करने का सही स्थान CWC की बैठक है, मीडिया नहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पत्र बीजेपी के साथ मिलीभगत में लिखा गया।
सोनिया ने अंतरिम अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की
इससे पहले CWC बैठक शुरू होने के कुछ देर बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पद छोड़ने की पेशकश की। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के कई नेताओं ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया। सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी की बैठक आरंभ होने के बाद सोनिया कहा कि वह अंतरिम अध्यक्ष के तौर अब काम नहीं करना चाहती।
नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के दो खेमों में नजर आने की स्थिति बनने के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हो रही है। CWC की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त सियासी तूफान आया जब पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई।