लाइव न्यूज़ :

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्तीफे से पहले राहुल गांधी को किए तीन कॉल, जवाब नहीं मिलने पर हुए आहत

By हरीश गुप्ता | Updated: March 12, 2020 08:57 IST

राहुल गांधी का रुख यह है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं और पार्टी मामलों में तब तक हस्तक्षेप नहीं करेंगे जब तक उनसे विशेष रूप से नहीं पूछा जाए. सोनिया गांधी ने मध्यप्रदेश में दो गुटों के बीच शांति बहाल करने के लिए मध्यस्थता की कोशिश भी की लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ.

Open in App
ठळक मुद्देज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने से पहले राहुल गांधी से संपर्क कर उनसे मुलाकात का समय तय करने की अंतिम क्षण तक कई बार कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई.सिंधिया ने राहुल गांधी के 12 तुगलक रोड निवास पर तीन बार टेलीफोन किया.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने से पहले राहुल गांधी से संपर्क कर उनसे मुलाकात का समय तय करने की अंतिम क्षण तक कई बार कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई. सिंधिया ने राहुल गांधी के 12 तुगलक रोड निवास पर तीन बार टेलीफोन किया. हालांकि सिंधिया राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते हैं, लेकिन उनके पास राहुल का नवीनतम मोबाइल नंबर नहीं था. राहुल गांधी ने हाल ही में अपना मोबाइल नंबर बदला है.

कांग्रेस के कई नेताओं के साथ ही उनके पास भी यह नवीनतम नंबर नहीं था. इसलिए, सिंधिया ने पिछले सप्ताह उनके आवास पर फोन किया. उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के निजी सचिव ने उन्हें जल्द से जल्द वापस कॉल कर बात करवाने का वादा किया. वापस कॉल नहीं आने पर हताश सिंधिया ने कुछ घंटों के बाद फिर से आवास पर फोन किया. फिर वही जवाब मिला. सिंधिया ने उसी शाम तीसरा प्रयास किया.राहुल से बात तो नहीं हुई किंतु यह पता चला कि राहुल गांधी खुद न तो लाइन पर आए और न ही मिलने का समय ही दिया. इसके बजाय, सिंधिया को विनम्रता से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से संपर्क साधने के लिए कहा गया. जब सिंधिया ने पूछा कि क्या 'सीपी' (कांग्रेस अध्यक्ष) के साथ मुलाकात का समय तय हो गया है तो निजी सचिव ने बताया कि इसके लिए उन्हे सीधे उनके कार्यालय में एक अलग अनुरोध करना होगा. यह स्थिति सिंधिया को अत्यधिक आहत कर गई उन्होने बेहद अपमानित महसूस किया और अपना आपा खो बैठे.

सिंधिया पर पहले ही काफी समय से यह दबाव था कि वे कांग्रेस को छोड़ें और अपने समर्थकों एवं विधायकों सहित भाजपा में शामिल हों. सिंधिया पिछले कई महीनों से असंतुष्ट थे क्योंकि पार्टी आलाकमान ने उन्हें लगभग किनारे कर दिया था. उन्हें और उनके समर्थकों को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह द्वारा बार-बार अपमानित किया जा रहा था और आलाकमान उन्हें संरक्षण भी नहीं दे रहा था.

वास्तव में राहुल गांधी का रुख यह है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष नहीं हैं और पार्टी मामलों में तब तक हस्तक्षेप नहीं करेंगे जब तक उनसे विशेष रूप से नहीं पूछा जाए. सोनिया गांधी ने मध्यप्रदेश में दो गुटों के बीच शांति बहाल करने के लिए मध्यस्थता की कोशिश भी की लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. और अब आज जब सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए तो यह सिर्फ इतिहास भर रह गया है.

सिंधिया का आरोप: पहले जैसी कांग्रेस नहीं रही, नए नेतृत्व के लिए जगह नहीं

भाजपा का दामन थामते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस आलाकमान पर जमकर हमले किए. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की. सिंधिया ने कहा, कांग्रेस से अलग होते हुए उनका मन व्यथित है, लेकिन कांग्रेस अब पहले जैसी पार्टी नहीं रह गयी है. वहां 'नई सोच, विचारधारा एवं नए नेतृत्व के लिए कोई जगह नहीं है. भाजपा मुख्यालय में भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ मंच साझा करते हुए सिंधिया ने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश-दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है और वह भविष्य की चुनौतियों को परखते हुए उसका क्रियान्वयन कर रहे हैं. मोदी के नेतृत्व में भारत का भविष्य सुरक्षित है. मध्य प्रदेश में 'एक सपना हमने पिरोया था, जब वहां सरकार बनी. लेकिन 18 महीने में वो सारे सपने बिखर गए. चाहे वो किसानों के ऋण माफ करने की बात हो, पिछले फसल का बोनस न मिलना हो... ओलावृष्टि से नष्ट फसल आदि का भी मुआवजा अब तक नहीं मिल पाया है.'

बोले राहुल गांधी- सिंधिया इकलौते ऐसे थे जो बेधड़क मेरे घर आ सकते थे

कुछ रिपोर्ट के मुताबिक सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने से पहले सोनिया गांधी और राहुल गांधी से संपर्क करने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया. हालांकि, राहुल ने इन रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि सिंधिया इकलौते नेता थे जो किसी वक्त बेधड़क उनके घर आ सकते थे. ज्योतिरादित्य की गिनती कांग्रेस के उन युवा नेताओं में होती थी, जिन्हें पार्टी का भविष्य कहा जाता था. वह गांधी परिवार के करीबी रहे हैं. 

टॅग्स :ज्योतिरादित्य सिंधियाराहुल गांधीभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेस
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो के उड़ानों के रद्द होने पर राहुल गांधी ने किया रिएक्ट, बोले- "सरकार के एकाधिकार मॉडल का नतीजा"

भारतSanchar Saathi App: विपक्ष के आरोपों के बीच संचार साथी ऐप डाउनलोड में भारी वृद्धि, संचार मंत्रालय का दावा

भारतMCD Bypoll Results 2025: दिल्ली के सभी 12 वार्डों के रिजल्ट अनाउंस, 7 पर बीजेपी, 3 पर AAP, कांग्रेस ने 1 वार्ड जीता

राजनीति अधिक खबरें

राजनीतिDUSU Election 2025: आर्यन मान को हरियाणा-दिल्ली की खाप पंचायतों ने दिया समर्थन

राजनीतिबिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिलीं पाखी हेगड़े, भाजपा में शामिल होने की अटकलें

राजनीतिBihar voter revision: वोटरों की सही स्थिति का पता चलेगा, SIR को लेकर रूपेश पाण्डेय ने कहा

राजनीतिबिहार विधानसभा चुनावः बगहा सीट पर बीजेपी की हैट्रिक लगाएंगे रुपेश पाण्डेय?

राजनीतिगोवा विधानसभा बजट सत्रः 304 करोड़ की 'बिना टेंडर' परियोजनाओं पर बवाल, विपक्ष का हंगामा