मांझी ने राम मंदिर और शराबबंदी के सवाल पर CM नीतीश पर बोला हमला
By एस पी सिन्हा | Updated: November 25, 2018 16:57 IST2018-11-25T16:57:52+5:302018-11-25T16:57:52+5:30
बिहार में जारी शराबबंदी पर नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए जीतन राम मांझी ने कहा है कि बिहार के ज्यादातर आईएएस-आईपीएस अधिकारी शराब का सेवन कर रहे हैं। अगर उनके घर जाकर रात दस बजे के बाद उनके मुंह में शराब पकड़ने वाली मशीन लगाई जाएं तो सब पकड़ें जाएंगे।

मांझी ने राम मंदिर और शराबबंदी के सवाल पर CM नीतीश पर बोला हमला
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए एक ओर जहां शराबबंदी पर खरी खोटी सुनाई है, वहीं उनसे सवाल पूछा है कि क्या वह राम मंदिर के निर्माण को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाने के पक्ष में हैं या नहीं?
बिहार में जारी शराबबंदी पर नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए जीतन राम मांझी ने कहा है कि बिहार के ज्यादातर आईएएस-आईपीएस अधिकारी शराब का सेवन कर रहे हैं। अगर उनके घर जाकर रात दस बजे के बाद उनके मुंह में शराब पकड़ने वाली मशीन लगाई जाएं तो सब पकड़ें जाएंगे।
उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को शराब के नाम पर पकड़ा जा रहा है। उन्हें जेल भेंज जा रहा है। दूसरी तरफ बड़े अधिकारी, नेता, मंत्री खुद शराब पी रहे हैं। मांझी ने कहा है कि शराबबंदी गरीब लोगों को परेशांन करने का सबसे बड़ा जरिया बन गया है। शराबबंदी को पुलिस अधिकारी अपनी अवैध कमाई का सबसे बड़ा जरिया बना चुके हैं।
अधिकारी शराब माफिया से मिलकर करोड़ों रुपये कम रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये भ्रष्ट अधिकारी चाहते हैं कि नीतीश कुमार कुछ दिन और सत्ता में बने रहें ताकि वो करोड़ों-अरबों कमाकर वीआरएस लेकर मस्ती के साथ जीवन का आनंद ले सकें।
बता दें कि मांझी पहले भी शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते रहे हैं। वह अपने समाज के लिए परमपंरा और संस्कृति के आधार पर शराब के इस्तेमाल की छूट देने की मांग भी करते रहे हैं। जीतन राम मांझी अपनी यानी महागठबंधन की सरकार बनने पर शराबबंदी ख़त्म कर देने का एलान भी कर चुके हैं।
वहीं, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने की चर्चा के बीच उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल पूछते हुए कहा है कि उनकी चुप्पी से यह साबित होता है कि भाजपा द्वारा प्रायोजित अयोध्या राम मंदिर निर्माण का वह कहीं ना कहीं समर्थन करती है?
मांझी ने नीतीश कुमार से सवाल पूछा है कि क्या वह राम मंदिर के निर्माण को लेकर केन्द्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाने के पक्ष में हैं? उन्होंने कहा कि राम मंदिर के नाम पर भाजपा देश को जलाने की साजिश रच रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौन धारण किए हुए हैं। मांझी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी कुर्सी बचाने के लिए कब तक खामोश रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर एक बड़ी बहस छिड़ी हुई है, उसके बावजूद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खामोशी से अल्पसंख्यक समाज को भी उनकी नियति पर संदेह होने लगा है। उन्हें यह लगने लगा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सिर्फ अपनी कुर्सी से ही प्यार है अल्पसंख्यक हितों से उन्हें कोई लेना देना नहीं नहीं तो वह इस मुद्दे पर खुलकर सामने क्यों नहीं आते कि वह क्या चाहते हैं।
मांझी ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक तीर से दो निशाना साधने के फेर में लगे हुए हैं उनकी मानसा से यह स्पष्ट होता है कि वह राष्ट्रहित से ज्यादा अपने हित के प्रति जागरुक दिखाई दे रहे हैं। उन्हें अल्पसंख्यक हितों के साथ साथ राष्ट्रहित से कोई लेना देना नहीं है।
उन्होंने नीतीश कुमार पर करारा वार करते हुए कहा कि नीतीश जी कुर्सी आएगी जाएगी पर इतिहास आपको इस काम के लिए हमेशा काले अध्याय के तौर पर याद रखेगा। मंदिर मस्जिद का मामला कोर्ट में लंबित है, ऐसी स्थिति में न्यायालय पर किसी तरह का दबाव बनाना देश के संविधान के लिए खतरा है। कोर्ट से फैसला जिन के पक्ष में आता है, उस पक्ष को ही मंदिर बनाने का अधिकार होगा। कोर्ट के फैसले के बीच इस मामले को लेकर किसी तरह की टिप्पणी करना संविधान के ऊपर उंगली उठाने के बराबर है।
जीतन राम मांझी ने मंदिर मामले पर भाजपा की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज देश के युवा रोजगार चाहते हैं। देश और राज्य में दलित उत्पीडन में चौगुना बढ़ोतरी हुई है। इन सभी गंभीर मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए अब मंदिर मुद्दे को तूल दिया जा रहा है। जिससे सामाजिक और आर्थिक विषमता आएगी। सही मायने में अगर देश का विकास भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी चाहते हैं तो ऐसी परिस्थिति में विकास की राजनीति करें न कि मंदिर की।