झारखंड सरकार 24 घंटे के भीतर आई बैकफुट पर, बीजेपी सांसद साक्षी महाराज को किया पृथकवास से मुक्त

By भाषा | Published: August 30, 2020 07:19 PM2020-08-30T19:19:12+5:302020-08-30T19:19:12+5:30

सांसद कल रेलमार्ग से धनबाद आये थे और गिरिडीह में शांति भवन में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद सड़क मार्ग से जब वापस जा रहे थे तभी उपमंडलीय अधिकारी (एसडीएम) प्रेरणा दीक्षित ने अवरोधक लगाकर उन्हें रोक लिया था और राज्य सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार 14 दिनों के लिए गृह पृथकवास में रहने का निर्देश दिया था ।

Jharkhand government frees BJP MP Sakshi Maharaj from seclusion | झारखंड सरकार 24 घंटे के भीतर आई बैकफुट पर, बीजेपी सांसद साक्षी महाराज को किया पृथकवास से मुक्त

फाइल फोटो

Highlightsउन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज को शनिवार को जबरन चौदह दिनों के गृह पृथकवास में भेजने के 24 घंटे के भीतर रविवार को मुक्त कर दिया।इसके बाद सांसद दोपहर बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गये।

गिरिडीह: झारखंड सरकार ने भारी दबाव में उत्तर प्रदेश के उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज को शनिवार को जबरन चौदह दिनों के गृह पृथकवास में भेजने के 24 घंटे के भीतर रविवार को मुक्त कर दिया जिसके बाद सांसद दोपहर बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गये। गिरिडीह के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने कहा, ‘‘सांसद का शनिवार को ट्रूनेट मशीन से कोरोना परीक्षण किया गया था और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। आज राज्य सरकार के आदेश के आलोक में उन्हें गृह पृथकवास से मुक्त कर दिया गया है।’’

उपायुक्त ने आगे कहा कि अब सांसद जब चाहें गिरिडीह से जा सकते हैं। इसके कुछ देर बाद दोपहर लगभग दो बजे भाजपा सांसद साक्षी महाराज गिरिडीह के अपने आश्रम से सड़क मार्ग से धनबाद के लिए रवाना हो गये जहां से वह राजधानी एक्स्प्रेस से नयी दिल्ली जायेंगे। इससे पूर्व गिरिडीह प्रशासन ने भाजपा सांसद साक्षी महाराज को 24 घंटे से भी कम समय में गृह पृथकवास से मुक्त कर दिया।

सांसद कल रेलमार्ग से धनबाद आये थे और गिरिडीह में शांति भवन में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद सड़क मार्ग से जब वापस जा रहे थे तभी उपमंडलीय अधिकारी (एसडीएम) प्रेरणा दीक्षित ने अवरोधक लगाकर उन्हें रोक लिया था और राज्य सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार 14 दिनों के लिए गृह पृथकवास में रहने का निर्देश दिया था ।

इससे पूर्व आज सांसद को जबरन पृथकवास में रखने के खिलाफ भाजपा ने यहां धरने का कार्यक्रम रखा, लेकिन प्रशासन ने कोविड-19 का हवाला देकर इसकी अनुमति नहीं दी। पृथकवास से मुक्त किये जाने पर साक्षी महाराज ने कहा, ‘‘राजनीति का दुर्भाग्य है कि राजनीति में अनेक लोग पूर्वाग्रह से ग्रस्त रहते हैं। प्रशासन ने कल रोक दिया था तो रुक गये थे, लेकिन आज प्रशासन ने जाने को कहा तो जा रहा हूं।’’

दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा, ‘‘सरकार ने अपनी गलती समझी और भाजपा सांसद साक्षी महाराज को गृह पृथकवास से मुक्त किया। सरकार को झुकना पड़ा। अन्यथा भाजपा ने गिरिडीह बंद की योजना बना ली थी और सरकार के इस तरह के आपत्तिजनक व्यवहार के लिए बड़ा आंदोलन पार्टी करती।’’

उन्नाव के भाजपा सांसद साक्षी महाराज शहर के शांति भवन आश्रम में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पिछले 24 घंटे से पृथकवास में थे। शांति भवन का मुख्य गेट बंद कर दिया गया था और भाजपा नेताओं एवं मीडिया को भी अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था। साक्षी महाराज गिरिडीह में अपनी 97वर्षीया बीमार गुरु मां से मिलने के लिए शनिवार सुबह पहुंचे थे।

उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को अपने गिरिडीह आगमन की सूचना दी थी। जब वह गुरु मां से मिलकर दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ने धनबाद जा रहे थे तो एसडीएम प्रेरणा दीक्षित ने उन्हें पीछा कर पीरटांड के पास से रोक लिया था। एसडीएम ने सांसद को 14 दिनों के लिए जबरन गृह पृथकवास में गिरिडीह के शांति भवन में भेज दिया था। सांसद साक्षी महाराज ने जिला प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध किया था और कहा था कि उन्हें संसद की स्थाई समिति की बैठक में भाग लेने दिल्ली जाना था लेकिन जिला प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी थी।

सांसद ने कहा था कि उन्होंने अपने यहां आने की लिखित सूचना मुख्य सचिव को दो दिनों पूर्व ही दी थी लेकिन उस पत्र पर राज्य सरकार से कोई सूचना नहीं मिली इसीलिए वह तय कार्यक्रम के लिए यहां पहुंचे थे। हालांकि, बाद में आधिकारिक सूत्रों से जानकारी मिली कि मुख्य सचिव ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया था, लेकिन इसकी सूचना न तो उन्होंने सांसद को दी और न ही इस बारे में कोई जानकारी जिला प्रशासन को दी गयी थी।

समझा जाता है कि बनते राजनीतिक मुद्दे और भारी दबाव के चलते राज्य सरकार ने गिरिडीह जिला प्रशासन को साक्षी महाराज को पृथकवास से मुक्त करने के निर्देश दिये। प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि यदि प्रशासन ने साक्षी महाराज का आवेदन खारिज कर दिया था तो उन्हें समय से इसकी जानकारी देनी चाहिए थी। किसी माननीय सांसद के साथ इस प्रकार का व्यवहार कदापि उचित नहीं था। 

Web Title: Jharkhand government frees BJP MP Sakshi Maharaj from seclusion

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