जय प्रकाश नारायणः जिनकी एक हुंकार से डरकर इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी जैसा आत्मघाती कदम उठाया!

By आदित्य द्विवेदी | Published: October 11, 2018 07:28 AM2018-10-11T07:28:48+5:302018-10-11T07:28:48+5:30

25 जून 1975 की रात देश में आपातकाल लागू किया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी इससे पीछे जेपी को मानती हैं जिन पर सेना और पुलिस को भड़काने के आरोप लगे।

Jai Prakash Narayan birth anniversary special: Interesting facts and role in emergency | जय प्रकाश नारायणः जिनकी एक हुंकार से डरकर इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी जैसा आत्मघाती कदम उठाया!

जय प्रकाश नारायणः जिनकी एक हुंकार से डरकर इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी जैसा आत्मघाती कदम उठाया!

'भाइयों और बहनों, राष्ट्रपति जी ने आपातकाल की घोषणा की है। इससे आतंकित होने का कोई कारण नहीं है।'  26 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आकाशवाणी के जरिए ये घोषणा की थी। इंदिरा गांधी भले ही लोगों से ना डरने की अपील कर रही थी लेकिन उनका यह कदम खुद ही एक हुंकार से डरकर उठाया गया था। यह हुंकार थी सर्वोदय नेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की। इंदिरा गांधी ने जेपी को इमरजेंसी लगाने का एक मुख्य कारण माना था। उन पर आरोप लगाए गए कि वो सेना और पुलिस को भड़का रहे हैं। तस्वीर बाद में साफ हुई कि अपनी तानाशाही का बचाव करने के लिए इंदिरा गांधी ऐसे आरोप लगा रही थी।

सिंहासन खाली करो कि जनता आती है

25 जून 1975 की रात आपातकाल की घोषणा की गई थी। घोषणा से ठीक कुछ घंटे पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में जय प्रकाश नारायण एक जनसभा कर रहे थे। उन्होंने इंदिरा गांधी की तानाशाही, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर बहुत मखरता से बात रखी। 

जेपी का भाषण सुनकर इंदिरा को अपना सिंहासन हिलता दिखाई दिया। माना जाता है कि उसी दिन आपातकाल की गुप्त योजना बनाई गई। इधर जेपी की रैली समाप्त भी नहीं हुई थी कि इंदिरा गांधी राष्ट्रपति भवन पहुंची। 

उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद को आपातकाल लगाने की पूर्व सूचना दी। शीघ्र की कैबिनेट की मंजूरी के बाद आपातकाल का ड्राफ्ट आया और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद देश में इमरजेंसी लगा दी गई। देर रात करीब डेढ़ बजे जेपी को गांधी प्रतिष्ठान से गिरफ्तार कर लिया गया।

जेपी पर लगे आरोपों में कितना दम?

इंदिरा गांधी के तत्कालीन सहायक सिद्धार्थ शंकर रे कहते हैं, 'विपक्ष ने लोगों से कहा कि पूरे देश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करें। कौन सी सरकार इसे नजरअंदाज कर सकती थी। महज नागरिकों से विद्रोह के लिए नहीं कहा गया बल्कि सेना और पुलिस से भी कहा गया कि वो इसे अपना ही संघर्ष समझें।'

25 जून 1975 की दोपहर रामलीला मैदान में जेपी के भाषण को ध्यान से पढ़ना चाहिए। क्या इसमें कहीं से भी सेना और पुलिस को भड़काने की बू आ रही है? 

जेपी ने कहा था, 'देश की सेना के लिए आर्मी एक्ट है। उसमें लिखा हुआ है कि भारत के लोकतंत्र की रक्षा करना उसका कर्त्तव्य है। लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने का उसका कर्त्तव्य है। हमारा कांस्टीट्यूशन डेमोक्रेटिक है और इसलिए कह रहा हूं कि लोकतंत्र की रक्षा उसका कर्त्तव्य है। और यह प्रधानमंत्री उसे आदेश दे तो उसके पीछे कौन सी ताकत होगी? जिस प्रधानमंत्री के हाथ-पैर इतने बंधे हों जो पार्लियामेंट में तो बैठ सकती हों, पर वोट नहीं दे सकती हों, उनके आदेश?'

जेपी के जीवन से जुड़ी कुछ जरूरी बातेंः-

- जय प्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 को तत्कालीन बंगाल प्रेसिडेंसी में हुआ था।

- 20 साल की उम्र में जेपी पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। वहां उन्होंने मजदूरी करके पढ़ाई का खर्च निकाला। बीए और एमए करने के बाद वो पीएचडी की तैयारी कर रहे थे कि मां की बीमारी के कारण भारत लौटना पड़ा।

- 1929 में जब वे अमेरिका से लौटे, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम तेजी पर था। उनका संपर्क गांधी जी के साथ काम कर रहे जवाहर लाल नेहरू से हुआ। वे आंदोलन का हिस्सा बने।

- उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के कई छोटे-बडे़ आंदोलनों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। आजादी के बाद भी सही को सही और गलत को गलत कहने के उनके तेवर जारी रहे।

- उन्होंने इंदिरा गांधी की प्रशासनिक नीतियों के विरोध में 1974 में पटना से छात्र आंदोलन की शुरुआत की। जेपी का करिश्मा था कि इसमें युवा जुड़ते गए और यह संपूर्ण क्रांति आंदोलन बन गया।

- 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की, जिसके अंतर्गत जेपी सहित 600 से भी अधिक विरोधी नेताओं को बंदी बनाया गया और प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई। जेल मे जेपी की तबीयत और भी खराब हुई। 7 महीने बाद उनको मुक्त कर दिया गया।

- 8 अक्टूबर 1979 को दिल की बीमारी और डायबीटीज के कारण पटना में जेपी की मृत्यु हो गई। तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने लोकनायक की मृत्यु पर 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की थी। 

Web Title: Jai Prakash Narayan birth anniversary special: Interesting facts and role in emergency

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