बिहार में कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े के बाद विपक्ष को मिला मुद्दा, खुद को पाक-साफ बता रहे विभाग के प्रधान सचिव

By एस पी सिन्हा | Published: February 13, 2021 07:12 PM2021-02-13T19:12:35+5:302021-02-13T19:24:04+5:30

बिहार में कोरोना टेस्ट रिपोर्ट के आंकड़ों में नाम, उम्र और फोन नंबर में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया गया है। पटना, जमुई और शेखपुरा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में करीब 600 डेटा एंट्री और जांच रिपोर्ट, दोनों में ही गड़बड़ी हुई है।

in Bihar Opposition gets issue after forgery in Corona investigation | बिहार में कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े के बाद विपक्ष को मिला मुद्दा, खुद को पाक-साफ बता रहे विभाग के प्रधान सचिव

(फाइल फोटो)

Highlightsजमुई के सिविल सर्जन समेत अन्य अधिकारी पर कल ही कार्रवाई की गई है। आज प्रतिरक्षण पदाधिकारी पर विभागीय कार्रवाई हुई है। बरहट और सिकंदरा में तो गड़बड़ी पाई गई।

पटना,13 फरवरीबिहार में कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े ने विपक्ष को बैठे-बिठाए मुद्दा दे दिया है। इस मामले को लेकर विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चहेते आइएएस अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को बर्खास्त करने और उनकी संपत्ति की जांच की मांग की है। साथ ही इस कोविड के लिए दवा, पीपीई आदि खरीद संबंधी पूरे मामले की जांच की मांग भी उठाई है। 

मचे इस बवाल के बाद आज शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत बचाव में उतर आये और पत्रकार वार्ता कर सरकार का पक्ष रखा। प्रत्यय अमृत ने जानकारी दी कि इस मामले में सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई अधिकारियों को निलंबित किया है। उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन और चिकित्सीय पदाधिकारी को शोकॉज किया गया है। जहां-जहां गडबडी हुई है, स्वास्थ्य विभाग की ओर से सम्बंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग की गई है। 

इस मौके पर उन्होंने कहा की बिहार में आरटीपीसीआर की क्षमता जून जुलाई में 1000 की भी नहीं थी। लेकिन टेस्ट, ट्रैक, ट्रिक बहुत जरूरी था। उन्होंने अचानक टेस्ट का फिगर बढने पर कहा की 27 जुलाई को आरटीपीसीआर 6884 ही था और एंटीजन टेस्ट 93153 हुआ। आज भी आरटीपीसीआर में प्रतिदिन 20 हजार जांच की क्षमता है। टेस्टिंग लगातार होती रहे, यह हमारे लिए चुनौती थी। विधानसभा चुनाव के समय और छठ को देखते हुए भी हमने यह कोशिश की जांच में कोई कमी नही आये। 

कोरोना जांच में गडबडी के मामले पर प्रधान सचिव ने कहा कि जमुई और शेखपुरा के जिलाधिकारी को जांच के लिए कहा गया है। साथ ही 10 टीम स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 10 जिलों में भेजी गई है। बाकी 26 जिलों में वहां के जिलाधिकारी को कहा गया कि अपने जिले में रेंडम जांच करें। पता और नंबर की जांच करने को कहा गया है। बरहट और सिकंदरा में पाया गया कि अधिकांश जगह नंबर और एड्रेस गलत था। वो व्यक्ति था ही नहीं। 

लेकिन शेखपुरा में कोई गडबडी नही पाई गई है। व्यक्ति तो मिल रहे हैं, लेकिन मोबाइल नंबर मैच नहीं कर रहे। प्रत्यय अमृत ने कहा की अररिया के फारबिसगंज में व्यक्ति तो मिल गए। लेकिन मोबाइल नम्बर शून्य है। कहीं एएनएम का नंबर है, कही अन्य का। अररिया सिविल सर्जन से स्पष्टीकरण पूछा गया है। वहीं, शिवहर के पुरनहिया में भी 40-50 लोगों का ऐसा मामला पाया गया है। अबतक सिकंदरा और बरहट में जो स्थिति मिली। उस तरह अन्य जगह पर इस तरह की समस्या नहीं है। 

पत्रकार वार्ता के दौरान एक पत्रकार ने सवाल किया कि भोजपुर जिले में भी बडे पैमाने पर अनियमितता पाई गई है। सैकडों ऐसे लोग हैं, जिनके सिर्फ नाम दिए हुए हैं। भोजपुर में कोरोना जांच कराने वाले सैकडों लोगों के फॉर्म में न तो मोबाइल नंबर है और न ही उनके घर का पता दिया हुआ है। इसपर प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने जांच की बात स्वीकार की और पत्रकार को वह लिस्ट सौंपने को कहा। उन्होंने कहा कि भोजपुर जिले के सहार और उदवंतनगर प्रखंड में जांच की गई है। बाकी जो दावे किये जा रहे हैं, उसकी भी जांच की जाएगी। विभाग इसको गंभीरता से लेते हुए जांच कर रहा है।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा की राज्यसभा में भी यह मामला उठा है। हमने कल शाम में ही रिपोर्ट भेज दिया है। कुछ कर्मी या पदाधिकारी के चलते गलती हुई है। उसके चलते पूरे राज्य पर सवाल खडा करना उचित नहीं है। अगर कुछ लोग गलत किये हैं तो उनपर कार्रवाई किया है। आगे भी करेंगे। लेकिन पूरे अभियान पर सवाल खडा करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा की 6 कंपनियों से हमने एंटीजन टेस्ट किट का क्रय किया है। एंटीजन टेस्ट का पहले कीमत 504 रु था। आज 42।47 रुपया है। उन्होंने कहा की मेरे लिए उम्र और मोबाइल नंबर जरूरी नहीं व्यक्ति जरूरी है। 

शुक्रवार को बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जमुई के सिविल सर्जन डॉ। विजयेंद्र सत्यार्थी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुधांशु लाल को निलंबित कर दिया। इनके अलावा प्रतिरक्षण पदाधिकारी पर भी गाज गिरी। बरहट और सिकंदरा के प्रभारी को भी निलंबित किया गया है।

Web Title: in Bihar Opposition gets issue after forgery in Corona investigation

राजनीति से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे