कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष सोनिया के नेतृत्व में पार्टी महासचिवों, प्रदेश अध्यक्षों, पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कई नेताओं ने भाग लिया।
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राहुल गांधी शामिल नहीं हुए। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सफाई दी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि राहुल गांधी इस बैठक में उपस्थित नहीं थे। सिंह ने कहा कि यह महासचिवों, महासचिवों के प्रभारी और राज्य अध्यक्षों / सीएलपी नेताओं की बैठक थी, केवल उन्हें बैठक में आमंत्रित किया गया था।
बैठक में सोनिया के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व पार्टी के कई महासचिव-प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता शामिल हुए।
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस स्थिति को ठीक करने के लिए दुष्प्रचार की नहीं, बल्कि ठोस नीति की जरूरत है।
एक अंग्रेजी दैनिक में छपे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साक्षात्कार का हवाला देते हुए गांधी ने यह भी कहा कि पहले सरकार को स्वीकार करना चाहिए कि अर्थव्यवस्था को लेकर समस्या है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘इस समय दुष्प्रचार, मनगढ़ंत खबरों और युवाओं के बारे में मूर्खतापूर्ण बातें करने की जरूरत नहीं है, बल्कि भारत को एक ठोस नीति की जरूरत है ताकि अर्थव्यवस्था की स्थिति को ठीक किया जा सके।’’
गांधी ने कहा, ‘‘पहले स्वीकार करिये कि हमारे सामने समस्या है। यह स्वीकार करना ही अच्छी शुरुआत होगी।’’ उन्होंने मनमोहन सिंह के जिस साक्षात्कार का हवाला दिया उसमें पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा है कि नोटबंदी और गलत ढंग से जीएसटी लागू करने के कारण अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब हुई है।