संसद के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन हंगामा भर रहा। अलग-अलग मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। जोरदार हंगामे हो रहे हैं। इन सबके बीच जम्मू-कश्मीर और आतंकवाद से जुड़े प्रश्न भी पूछे गए। जम्मू-कश्मीर में इस साल सबसे ज्यादा आतंकवादी को मारे गए हैं। साथ ही हर साल की तुलना में आम नागरिकों की मौतों की संख्या भी ज्यादा रही हैं। वहीं राज्य में आतंक संबंधी घटनाओं में भी इजाफा हुआ है।
लोकसभा में एक प्रश्न का लिखित जवाब देते हुए गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर आंकड़े पेश किए हैं। जिनसे पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर में पिछले चार सालों की तुलना में ज्यादा हिंसा हुई है।
पिछले चार सालों में कितने आतंकी मारे गए हैं-2017- 2032016- 1502015- 1082014- 110
पिछले चार सालों में कितने निर्दोष लोग मारे हैं-2017- 372016- 152015- 172014- 28
पिछले चार सालों में कितनी आतंकवादी घटनाएं हुई-2017- 3352016- 3222015- 2082014- 222
मंत्री के दिए आंकड़े के मुताबिक 10 दिसंबर तक जम्मू-कश्मीर में 75 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं। 2016 में 82, 2015 में 39 और साल 2014 में 47 सुरक्षाकर्मियों की जान गई है। वहीं देश के दूसरे इलाकों की सुरक्षा हालात में सुधार हुआ है। इस साल वामपंथी उग्रवाद के 813 मामले सामने आए हैं जो कि 2014 के 984 के आकड़े से 17.4 फीसदी कम है। एक अलग सवाल का जवाब देते हुए अहीर ने बताया कि नॉर्थ ईस्ट की सुरक्षा के हालात में सुधार हुआ है। इस साल के पहले 11 महीनों में मात्र 276 घटनाएं हुई हैं।
जम्मू-कश्मीर के मसले पर अहीर ने कहा कि सुरक्षा के हालात पर सुधार को लेकर राज्य को समय-समय पर दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। उग्रवाद की घटनाओं को कम करने के लिए कई प्रयोग किे जा रहे हैं जिसमें सूचना तंत्र और ऑपरेशन तंत्र को मजबूत करना शामिल है।