गुजरात चुनाव: जानिए बीजेपी-कांग्रेस के इन बड़े नेताओं का क्या हुआ?
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: December 18, 2017 04:21 PM2017-12-18T16:21:57+5:302017-12-18T16:27:35+5:30
गुजरात की कुल 182 सीटों में से बीजेपी को 99 पर जीत मिली है। कांग्रेस को 77 सीटों पर विजय मिली है। अभी अंतिम नतीजे आने बाकी हैं इसलिए सीटों की संख्या में मामूली बदलाव हो सकते हैं।
गुजरात में बीजेपी की सरकार बनना तय हो गया है लेकिन उसकी जीत फीकी रही। देश की सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने राज्य की 182 सीटों में से 150 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था लेकिन दोपहर दो बजे तक बीजेपी 99 सीटों पर सिमटती नजर आयी। कांग्रेस 77 सीटों पर आगे है। बाकी अन्य छह सीटें छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों की झोली में गयी। राज्य में सरकार बनाने के लिए 92 विधायक चाहिए। पिछले 22 सालों से राज्य की सत्ता में बनी हुई बीजेपी को अगले पांच सालों के लिए सत्ता की बागडोर मिलनी तय हो गयी है। आइए देखें राज्य में चुनावी समर उतरे प्रमुख उम्मीदवारों का क्या हश्र हुआ।
विजय रुपानी-
विजय रुपानी को पिछले साल आनंदीबेन पटेल की जगह गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था। वो गुजरात की वडनगर विधान सभा सीट से उम्मीदवार थे। मतदान से पहले सोशल मीडिया में एक ऑडियो वायरल हो गया था। दावा किया गया कि ऑडियो में सीएम रुपानी किसी से कह रहे हैं कि उनकी हालत अच्छी नहीं है। ऐसे में सभी की नजर उनकी सीट पर थी। विजय रुपानी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के इंद्रनील राजगुरु से करीब 363818 वोटों से जीते हैं।
नितिन पटेल-
नितिन पटेल को बीजेपी के कद्दावर पाटीदार नेताओं में शुमार किया जाता है। आनंदीबेन पटेल को सीएम पद से हटाए जाने के बाद राज्य के पटेल वोटरों को खुश रखने के लिए नितिन पटेल को राज्य का डिप्टी सीएम बनाया गया। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद से ही बीजेपी पर पटेल वोटों को बनाए रखने का दबाव रहा है। नितिन पटेल महसाणा विधान सभा सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के जीवाभाई अंबालाल पटेल से करीब 36807 से जीत चुके हैं।
अल्पेश ठाकोर-
गुजरात में पिछले दो सालों में जो युवा नेता राजनीतिक परिदृश्य पर उभरे हैं उनमें अल्पेश ठाकोर एक हैं। 40 वर्षीय अल्पेश चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हुए। कल्पेश ओबीसी, एससी, एसटी एकता मंच के संस्थापक हैं।अल्पेश पाटन जिले के राधनपुर विधान सभा सीट सेअपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के सोलंकी लविंगजी ठाकोर को 14,927 वोटों से हराया।
जिग्नेश मेवानी-
उना में दलितों की पिटाई के वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों में युवा वकील जिग्नेश मेवानी दलितों के नए नेता के तौर पर सामने आए। जिग्नेश विधान सभा चुनाव में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन उन्हें कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था। 35 वर्षीय जिग्नेश साबरकाठा जिले की वडगाम विधान सभा सीट से अपने निकटतम बीजेपी प्रतिद्वंद्वी चक्रवर्ती विजय कुमार हरखभाई को करीब 20 हजार वोटों से हराया।
शक्ति सिंह गोहिल-
57 वर्षीय शक्ति सिंह गोहिल गुजरात कांग्रेस के सबसे प्रमुख नेताओं में एक हैं। गोहिल कच्छ जिले के मांडवी विधान सभा सीट से करीब नौ हजार वोटों से चुनाव हार गये हैं। गोहिल को बीजेपी नेता वीरेंद्र सिंह बहादुर सिंह ने हराया। गोहिल की हार कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है क्योंकि माना जा रहा था कि अगर कांग्रेस अगर बहुमत हासिल करती है जो गोहिल सीएम पद के प्रबल दावेदार हो सकते हैं। उनके हार जाने से कांग्रेस की किरकिरी होनी तय है।