Goa Assembly Session 2025: दो दिन का विधानसभा सत्र बुलाने से क्या फायदा?, सावंत सरकार पर विपक्ष का हमला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 7, 2025 15:06 IST2025-02-07T15:05:32+5:302025-02-07T15:06:05+5:30
Goa Assembly Session 2025: भाजपा सरकार ने विधानसभा सत्र को सिर्फ दो दिन तक सीमित कर दिया है।

तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया और सरकार से जवाब मांगा।
पणजीः गोवा में विपक्ष ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर तीखा हमला बोलते हुए सिर्फ दो दिन का विधानसभा सत्र बुलाने को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। नेता प्रतिपक्ष यूरी आलेमाओ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "यह दो दिवसीय सत्र लोकतंत्र की हत्या के समान है। सरकार जवाबदेही से भाग रही है, जबकि गोवा भ्रष्टाचार और कुप्रशासन की आग में जल रहा है।"
सावंत सरकार घोटालों के घेरे में
सावंत सरकार इस समय 'नौकरी के बदले कैश' घोटाले, ज़मीन हथियाने और सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोपों से घिरी हुई है। विपक्ष का आरोप है कि इन मुद्दों पर बहस से बचने के लिए भाजपा सरकार ने विधानसभा सत्र को सिर्फ दो दिन तक सीमित कर दिया है।
"सीएम को डर किस बात का?" - विपक्ष का सवाल
कांग्रेस, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने विधानसभा में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया और सरकार से जवाब मांगा। विपक्ष का सवाल है कि अगर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो फिर सत्र सिर्फ दो दिन का क्यों रखा गया?
यूरी आलेमाओ ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, "हर दिन नया घोटाला सामने आ रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री जवाब देने के बजाय भाग रहे हैं। आखिर उन्हें डर किसका है?" GFP प्रमुख विजय सरदेसाई ने भाजपा पर विधानसभा को 'रबर स्टांप संस्था' में बदलने का आरोप लगाया और कहा, "यह दो दिवसीय सत्र मज़ाक से कम नहीं। यह लोकतंत्र नहीं, बल्कि तानाशाही है!"
"सवालों से बचने का नाकाम प्रयास"
विपक्ष के मुताबिक, गोवा इस समय घोटालों के दलदल में फंसा हुआ है:
नौकरी घोटाला – सरकारी नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से लाखों रुपए की रिश्वत लेने का आरोप, लेकिन नौकरियां नहीं मिलीं।
भूमि घोटाला – सरकारी ज़मीनें सस्ते दामों पर रियल एस्टेट माफिया को बेची जा रही हैं।
सरकार ने इन आरोपों को 'राजनीतिक हथकंडा' बताया, लेकिन जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
"सत्र खत्म, संघर्ष शुरू" - विपक्ष ने किया सड़कों पर उतरने का ऐलान
विधानसभा सत्र बिना ठोस बहस के समाप्त होते ही विपक्ष ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दे दी है। विपक्ष की मांग है कि सत्र की अवधि बढ़ाई जाए और सभी घोटालों की निष्पक्ष जांच हो। यूरी आलेमाओ ने साफ कहा, "लोकतंत्र कोई औपचारिकता नहीं है।
अगर सरकार विधानसभा में जवाब नहीं देगी, तो हम इसे सड़कों पर लाकर छोड़ेंगे।" बढ़ते जन आक्रोश और विपक्षी हमलों के बीच, सवाल उठ रहा है कि क्या सावंत सरकार दबाव में झुकेगी या घोटालों के सवाल राजनीति की भेंट चढ़ जाएंगे?