किसी प्रधानमंत्री की ऐसी प्रेस कांफ्रेंस शायद ही हुई होगी जैसी आनंदपुरी में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवे गौड़ा की हुई थी. प्रधानमंत्री रहते देवे गौड़ा चुनाव के दौरान आनंदपुरी में चुनाव प्रचार के लिए आए थे. हेलीपैड पर उतरने के बाद उनको पत्रकारों से बातचीत करनी थी, आनन-फानन में वही पास में एक टापरे (देसी झोपड़ी), में उनकी प्रेस कांफ्रेंस रखी गई.
यह एक ऐसी प्रेस कांफ्रेंस थी जिसमें सारी व्यवस्थाएं एकदम देसी थी, टापरे के आंगन में देसी खाट पर एचडी देवे गौड़ा बैठे, सामने पाटियों पर पत्रकार बैठे और राजनीतिक मुद्दों पर अंग्रेजी में सवाल-जवाब हुए, क्योंकि एचडी देवे गौड़ा ठीक-से हिन्दी समझ ओर बोल नहीं पाते थे. यह इस क्षेत्र में अग्रेजी में होने वाली पहली प्रेस कांफ्रेंस थी.
प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद लोगों के लिए देसी मिट्टी का लोटा और देसी मटके में पानी था तो नाश्ते में देसी सेव-ममरे!
कभी यह क्षेत्र इतना अभावग्रस्त था कि यहां के मामा बालेश्वर दयाल, हरिदेव जोशी जैसे बड़े नेता भी पैदल यात्राएं करते थे, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी ने कभी नहीं कहा कि- एक पैदल चलने वाला गरीब ब्राह्मण मुख्यमंत्री बन गया है, यह विपक्षियों को रास नहीं आ रहा है!