लोकसभा चुनाव: गिरिडीह सीट बीजेपी का गढ़ पर 2019 में नहीं उतारेगी प्रत्याशी, दिलचस्प होगा समीकरण
By पल्लवी कुमारी | Published: March 12, 2019 02:39 PM2019-03-12T14:39:43+5:302019-03-12T14:39:43+5:30
Giridih Lok Sabha Seat: गिरिडीह लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के रविन्द्र कुमार पाण्डेय हैं। गिरिडीह सीट से रविन्द्र कुमार पाण्डेय पॉंच बार जीत चुके हैंं।
झारखंड की 14 लोक सभा सीटों में गिरिडीह लोकसभा सीट भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) का गढ़ माना जाता है। गिरिडीह लोकसभा सीट से लगातार पॉंच बार बीजेपी के नेता रविन्द्र कुमार पाण्डेय जीते हैं। गिरिडीह लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भी बीजेपी रविन्द्र कुमार पाण्डेय ही हैं। रविन्द्र कुमार पाण्डेय ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जन मुक्ति मोर्चा के जगरनाथ महतो को हराया था। गिरिडीह लोक सभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। इस सीट से झारखंड की राजनीति में चर्चा में रहने वाले और कद्दावर नेता बिनोद बिहारी महतो भी जीत चुके हैं।
गिरिडीह झारखंड राज्य में उत्तर पूर्व की ओर स्थित है। गिरिडीह लोकसभा सीट के अंदर छह विधानसभा सीट आते हैं, जिसमें गिरिडीह, डुमरी, गोमिया, बेरमो, टुंडी और बाघमारा शामिल है। इस जिले की आधी आबादी गांव में रहती है। गिरिडीह से नोबेल पुरस्कार विजेता और महान वैज्ञानिक सर जगदीश चन्द्र बोस थे।
गिरिडीह लोक सभा सीट का परिचय
गिरिडीह का पुरा इलाका कोयला और खनिज सम्पदा से भरा हुआ है। जिले में जैन प्रसिद्ध तीर्थस्थल पार्श्वनाथ है। जहां विश्व से लोग आते हैं। वहां के स्थानीय निवासियों के कमाई का ये अच्छा स्त्रोत है। 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां 64.17 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। गिरिडीह झारखण्ड राज्य एक प्रशासनिक जिला है।
गिरिडीह की अधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारियों के मुताबिक, झारखंड सरकार के लिए ये जिला आय का अच्छा स्त्रोत है। जिले का क्षेत्रफल 4853.56 वर्ग. किमी. है। यहां की जनसंख्या 24,45,774 है। जिसमें पुरुष 12,58,098 हैं और महिलाएं 11,87,376 हैं। जिले में 2772 गांव हैं। जिले में मुख्यत हिंदी भाषा बोली जाती है। जिले में 13 ब्लॉक, 358 पंचायत और 4 सब डिवीजन है।
गिरिडीह लोक सभा सीट का राजनीतिक इतिहास
गिरिडीह लोक सभा सीट पर सबसे ज्यादा बीजेपी जीती है। बीजेपी यहां से छह बार जीत चुकी है। 1962 के चुनाव में यहां स्वतंत्र पार्टी से बटेश्वर सिंह जीते थे। 1967 में इम्तेयाज अहमद, जो कांग्रेस से थे। 1971 में भी गिरिडीह लोक सभा सीट पर कांग्रेस दोबारा आई और चपलेंदु भट्टाचार्य विजयी हुए। 1977 में रामदास सिंह के साथ यहां जनता पार्टी ने खाता खोला। लेकिन 1980 में फिर कांग्रेस आई और बिंदेश्वरी दुबे जीते। 1984 में भी कांग्रेस के सरफराज अहमद जीतने में सफल हुए।
1989 गिरिडीह लोक सभा सीट से बीजेपी ने अपना खाता खोला और रामदास सिंह विजयी हुए। लेकिन 1991 झारखंड के नामी नेता बिनोद बिहारी महतो जीते। जो झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार थे। 1996 में बीजेपी के रविन्द्र कुमार पाण्डेय गिरिडीह सीट से पहली बार जीते। इसके बाद 1998, 1999, में भी रविन्द्र कुमार पाण्डेय ही जीते। 2004 में यहां फिर से झारखंड मुक्ति मोर्चा आई और टेकलाल महतो जीते। उसके बाद 2009 और 2014 में इस सीट से फिर बीजेपी के रविन्द्र कुमार पाण्डेय जीते।
गिरिडीह लोक सभा सीट से इस बार नहीं खड़े होंगे रविन्द्र कुमार पाण्डेय
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने आठ मार्च के संसदीय बोर्ड में ये फैसला किया है कि लोक सभा सीट गिरिडीह पर ऑल झारखंड स्टूडेंट युनियन( आजसू) के उम्मीदवार खड़े होंगे। इसका मतलब साफ है कि यहां से कोई बीजेपी का प्रत्याशी नहीं खड़ा होगा। बता दें कि बीजेपी और झारखंड में सुदेश महतो की पार्टी आजसू के गठबंधन पर मुहर लग गई है। बीजेपी झारखंड के 14 लोकसभा सीटों में से 13 लोकसभा सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। वहीं, आजसू सिर्फ एक लोकसभा सीट गिरिडीह से चुनाव लड़ेगी। हालांकि बीजेपी ने अभी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, तो ये कहना गलत होगा कि रविन्द्र कुमार पाण्डेय को बीजेपी ने किनारा लगाने की सोच लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के कई दिग्गज नेता रविन्द्र कुमार पाण्डेय से नाराज चल रहे हैं। सूत्रों से यह बात सामने आ रही है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के झारखंड दौरे के वक्त पार्टी के कुछ लोगों ने रविन्द्र कुमार पाण्डेय की कार्यशैली और अन्य विवादों की शिकायत भी की थी।
झारखंड महागठबंधन: कांग्रेस, झामुमो, झाविमो और राजद का समीकरण
झारखंड लोक सभा चुनाव में महागठबंधन के फैसला 2019 के फरवरी में ही हो गया है। लोक सभा चुनाव में कांग्रेस 7 सीटों पर तो झामुमो 4 झाविमो 2 और राजद 1 सीट पर चुनाव लड़ेंगे। लेकिन विधानसभा में सबसे ज्यादा सीटे झामुमो को दी जाएगी। गठबंधन के बाद सामने आई जानकारियों को मुताबिक (अभी तक) 14 लोक सभा सीटों में से राजमहल, दुमका और गिरिडीह से झामुमो है।
कांग्रेस लोहरदगा, खूंटी, रांची, धनबाद और जमशेदपुर से प्रत्याशी खड़े करेगी। बाकी सीटों पर अभी फैसला नहीं आया है। सीटों के बंटवारे को झामुमो के पार्टी हेमंत सोरेन ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। बता दें कि हेमंत सोरेन शिबू सोरेन के बेटे हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन को नेता घोषित किया गया है।