नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी), बीपीसीएल और एचपीसीएल ने कहा है कि एलपीजी वितरक कर्मचारियों में से किसी भी सदस्य का कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अगर निधन होता है तो उसके परिजनों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों इंडियन आयल कार्पोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने सोमवार को कारोना वायरस की वजह से एलपीजी सिलेंडर घरों तक पहुंचाने वाले और गैस एजेंसी के दूसरे कर्मियों की मौत होने पर पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
तेल कंपनियों के बयान में कहा गया है कि देश में लॉकडाउन चल रहा है। ज्यादातर लोग अपने घरों में कैद हैं। ऐसे में रसोई गैस सिलेंडर की बिना रुकावट उनके घरों तक आपूर्ति करने में गैस एजेंसियां और उनके सैकड़ों डिलवरी मैन लगे हुये हैं। देश में 27.5 करोड़ के करीब गैस सिलेंडर उपभोक्ता परिवार हैं। बयान में कहा गया है कि सिलेंडर की डिलीवरी करने वाले कर्मचारी और एलपीजी वितरक एजेंसियां तेल कंपनियों का स्टाफ नहीं हैं, हालांकि कंपनियां उन्हें जरूरी सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराती हैं।
लेकिन इसके बावजूद कोरोना वायरस की वजह से डिलीवरी श्रृंखला में लगे कर्मचारियों के लिये जोखिम बरकरार है। इस जोखिम को देखते हुये आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने अनुग्रह राशि की घोषणा की है। तेल कंपनियों ने कहा है कि गैस एजेंसी के शो-रूम का स्टाफ, गोदाम की देखभाल करने वाले कर्मचारी, मैकेनिक और सिलेंडर की आपूर्ति करने वाले डिलीवरी बॉय इस पूरी श्रृंखला में काम करने वालों में यदि किसी कि कोविड- 19 के संक्रमण अथवा इसके प्रभाव की वजह से मौत हो जाती है तो ऐसी परिस्थिति में उन्हें एक बारगी विशेष उपाय के तौर पर पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की जाती है।
एलपीजी को आवश्यक उपभोक्ता वस्तु माना गया है और इसकी डिलीवरी को लॉकडाउन से अलग रखा गया है। ऐसे में गैस एजेंसियों के कर्मचारियों को इस काम में लगे रहना पड़ रहा है। उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने तेल कंपनियों की इस पहल का स्वागत करते हुये इसे लोकोपकारी कदम बताया।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी जब हाल में इंडियन आयॅल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी तो उन्होंने इन तीनों कंपनियों को निर्देश दिए थे कि वे एलपीजी डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क कर्मचारियों के लिए कोई आर्थिक सुरक्षा कवच घोषित करें।
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर स्वागत किया है। प्रधान ने ट्वीट के माध्यम से कहा, “इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल द्वारा उठाए गए मानवीय निर्णय का स्वागत करते हैं। हमारे कार्यकर्ताओं का कल्याण सर्वोपरि है, यह करुणामयी कदम हमारे कार्यबल के सुरक्षा जाल को मजबूत करेगा, जिससे भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई का समर्थन होगा।”
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रधानमंत्री राहत कोष में दिया एक महीने का वेतन
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी अभियान में मदद के लिये प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में एक महीने का वेतन जमा किया है। उन्होंने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से भी एक करोड़ रुपये जारी किये हैं।
प्रधान ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आइये इस मुश्किल समय में उनके लिये खड़े होते हैं, जिन्हें अभी सबसे अधिक जरूरत है। मैंने हाशिये के लोगों को मुस्कान देने के लिये प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में एक महीने का वेतन जमा किया है तथा एमपीएलएडी कोष से भी एक करोड़ रुपये जारी किये हैं।’’ इससे पहले किरेन रिजिजू, संतोष गंगवार, रवि शंकर प्रसाद, नितिन गडकरी जैसे केंद्रीय मंत्री भी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में एक महीने का वेतन जमा करा चुके हैं। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में एक महीने का वेतन जमा कराया है।
कोविड-19: इंडियन ऑयल की ईंधन आपूर्ति बनाए रखने के लिए विशेष तैयारी
कोरोना वायरस महामारी के चलते शहर बंद हो रहे हैं, लेकिन इस बीच इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने देश के विभिन्न हिस्सों में ईंधन की बिना बाधा आपूर्ति बनाए रखने के लिए एक दुर्लभ प्रोटोकॉल शुरू किया है। इस प्रोटोकॉल का मकसद अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि देश की ईंधन आपूर्ति पर्याप्त बनी रहे।
आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा, हम एक ऐसे व्यवसाय में हैं, जहां हमें यह सुनिश्चित करना है कि न केवल उपभोक्ताओं को पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस (एलपीजी) की निर्बाध आपूर्ति होती रहे, बल्कि विमानन कंपनियों को मांग के आधार पर जेट ईंधन भी मिले और राष्ट्र के सुरक्षा बलों को आपूर्ति भी बिना बाधा के जारी रहे। कंपनी ने जिन पदों पर संभव है, वहां घर से काम करने की इजाजत दी है और काम के घंटों में परिवर्तन तथा एक दिन छोड़कर एक दिन काम करने की पद्धति लागू की है।
इस दौरान पूरी सावधानी भी बरती जा रही है। सभी पेट्रोल पंप और एलपीजी आपूर्ति केंद्रों में फेस मास्क और सैनिटाइजर के साथ जरूरी सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किया गया है। उन्होंने कहा, हमारा राष्ट्र के प्रति यह उत्तरदायित्व है कि सभी आपूर्ति लाइनें चालू रहें और हम कर्मचारियों तथा उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इसके लिए हर संभव उपाए कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आकस्मिक समय के लिए असाधारण उपायों की जरूरत होती है और इंडियन ऑयल के सभी कर्मचारी इसके लिए जुटे हुए हैं। आईओसी ने जो प्रोटोकॉल लागू किया है, उसके तहत कंपनी के संयंत्रों और रिहायशी क्षेत्रों में बाहरी लोगों के प्रवेश को रोक दिया गया है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बोर्ड बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।
प्रधान ने कच्चा तेल, एलपीजी की निर्बाध आपूर्ति के लिये सऊदी के तेल मंत्री से की बातचीत
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कच्चा तेल तथा एलपीजी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा कच्चा तेल के वैश्विक बाजार में चल रही गतिविधियों पर चर्चा करने के लिये सऊदी अरब के तेल मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान के साथ रविवार को बातचीत की।
प्रधान ने ट्वीट किया, ‘‘सऊदी अरब के तेल मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान और सऊदी अरामको के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी आमिन नसीर के साथ वीडियो कांफ्रेंस पर बातचीत हुई। हमने वैश्विक कच्चा तेल बाजार की गतिविधियों तथा सऊदी अरब से भारत को एलपीजी की निर्बाध आपूर्ति को लेकर चर्चा की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रिंस अब्दुलअजीज ने हमारी घरेलू मांग की पूर्ति के लिये आने वाले दिनों में एलपीजी आपूर्ति बनाये रखने का आश्वासन दिया।’’
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये देश में लागू 21 दिनों के लॉकडाउन के कारण घरेलू परिशोधन संयंत्रों ने क्षमता में कटौती कर दी है। हालांकि इस कटौती का असर एलपीजी के घरेलू उत्पादन पर भी पड़ा है। सऊदी अरब भारत को न केवल कच्चा तेल देता है बल्कि भारत के लिए तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) की आपूर्ति करने वाला सबसे बड़ा स्रोत है।