नई दिल्लीः कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि देश तीन मई के बाद लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति के बारे में जानने का इंतजार कर रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में लोगों को अवगत कराना चाहिए।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि संकट के इस समय प्रधानमंत्री से उम्मीद की जाती है कि वह देश का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री से फिर अपील करते हैं कि वह लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए रणनीति सामने लाएं जिसमें स्पष्ट हो कि तीन मई के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कदम उठाने के साथ ही कोरोना वायरस से कैसे निपटा जाएगा।’’
सुरजेवाला के मुताबिक, प्रधानमंत्री के साथ बैठक में मुख्यमंत्रियों ने तीन मई के बाद की रणनीति से देश को अवगत कराने का आग्रह किया था। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि ‘पीएम केयर्स’ को लेकर पूरी पारदर्शिता होनी चाहिए और देश को बताना चाहिए कि किसने किसने दान दिया और पैसे का कैसे उपयोग किया गया।
‘कई पूंजीपतियों के कर्ज बट्टे खाते में डालने’ को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से जवाब मांगा
कांग्रेस ने देश के कई बड़े पूंजीपतियों के 68,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बट्टे खाते में डाले जाने से जुड़ी रिपोर्ट को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर जवाब देना चाहिए। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कुछ सप्ताह पहले संसद में उनके प्रश्न का उत्तर नहीं देकर, इसी सच को छिपाया गया था।
कांग्रेस का दावा है कि ‘24 अप्रैल को आरटीआई के जवाब में रिज़र्व बैंक ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रुपया ‘माफ करने’ की बात स्वीकार की। इनमें भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के नाम भी शामिल हैं।’ इसी को लेकर गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘संसद में मैंने एक सीधा सा प्रश्न पूछा था- मुझे देश के 50 सबसे बड़े बैंक चोरों के नाम बताइए। वित्त मंत्री ने जवाब नहीं दिया।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘ अब रिजर्व बैंक ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी सहित भाजपा के ‘मित्रों’ के नाम बैंक चोरों की लिस्ट में डाले हैं। इसीलिए संसद में इस सच को छिपाया गया।’’ गौरतलब है कि संसद के बजट सत्र के दौरान राहुल गांधी ने कर्ज अदा नहीं करने वाले 50 सबसे बड़े चूककर्ताओं के नाम पूछे थे। इस पर सरकार ने कहा था कि केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) की वेबसाइट पर सारे नामों को डाला जाता है और ये नाम वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि बड़े पूंजीपतियों का कर्ज बट्टे खाते में डालने से कोरोना वायरस महामारी के समय नरेंद्र मोदी सरकार की ‘जनधन गबन’ योजना का पर्दाफाश हुआ है।
उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘ बैंक लुटेरों की ‘पैसा लूटो-विदेश जाओ-लोन माफ कराओ’ ट्रैवल एजेंसी का पर्दाफाश हो गया है। ‘भगोड़ों का साथ - भगोड़ों का लोन माफ’ भाजपा सरकार का मूलमंत्र बन गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘16 मार्च, 2020 को संसद में राहुल गांधी ने देश के सबसे बड़े 50 बैंक घोटालेबाजों के नाम मोदी सरकार से पूछे। वित्त मंत्री और सरकार ने षडयंत्रकारी चुप्पी साधकर ये नाम जगजाहिर नहीं किए।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘पूरा देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है। रोजी रोटी की मार के चलते देश के करोड़ों मजदूरों को शहरों से गांव लौटना पड़ा है। सीएमआईई के मुताबिक, 14 करोड़ से अधिक लोग रोजगार से हाथ धो बैठे हैं। 1.13 करोड़ फौजी जवानों, सैन्य पेंशनभोगियों व सरकारी कर्मचारियों का 37,530 करोड़ रुपये का महंगाई भत्ता मोदी सरकार ने काट लिया है।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘लघु उद्योग, दुकानदारी और व्यवसाय ठप्प हो गए हैं। पर शर्म की बात है कि इसके बावजूद मोदी सरकार द्वारा बैंक चूककर्ताओं को 68,607 करोड़ रुपये की माफी दी जा रही है।
इससे मोदी सरकार की ‘जन-धन-गबन’ योजना का पर्दाफाश हुआ है।’’ उन्होंने यह दावा भी किया कि मोदी सरकार ने 2014-15 से 2019-20 के दौरान बैंक घोटालेबाजों का 6,66,000 करोड़ रुपये छोड़ दिया। उनके मुताबिक, इसमें भी, 2014-15 से सितंबर, 2019 तक 100 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज लेने वाले बैंक घोटालेबाजों का 5,10,014 करोड़ रुपये का कर्ज बट्टे खाते में डाल दिया गया। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री मोदी मौन नहीं रह सकते और उन्हें देश को जवाब देना चाहिए।