मैं हाथ जोड़कर मजदूरों से प्रार्थना करता हूं, घर मत जाइये, यहीं रहिये और काम कीजिये: सीएम येदियुरप्पा की प्रवासी मजदूरों से अपील
By भाषा | Published: May 5, 2020 07:19 PM2020-05-05T19:19:52+5:302020-05-05T19:19:52+5:30
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बेंगलुरुः कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने लॉकडाउन के कारण राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों से मंगलवार को अपील की है कि वे अपने गृह नगर न जाएं।
येदियुरप्पा ने लॉकडाउन के नियमों में ढील दिए जाने और गैर रेड जोन में निर्माण कार्य और औद्योगिक गतिविधियों की अनुमति मिलने का हवाला देते हुए मजदूरों को रोजगार मिलने का आश्वासन दिया। येदियुरप्पा ने कहा, “मैं हाथ जोड़कर मजदूरों से प्रार्थना करता हूँ कि किसी अफवाह पर ध्यान न दें, आप जहां हैं वहां आपको काम मिले यह देखना सरकार का दायित्व है...। जल्दीबाजी में अपने घर जाने का निर्णय न लें। यहां रहें और पहले की तरह काम करें।”
एक सप्ताह में येदियुरप्पा ने प्रवासी मजदूरों से दूसरी बार अपील की है। इस अपील से पहले मजदूरों की कमी को लेकर बिल्डरों के एक समूह ने यहां मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। मंगलवार को येदियुरप्पा ने विभिन्न बिल्डरों और अधिकारियों से प्रवासी मजदूरों और निर्माण कार्यों को पुनः शुरू करने के संबंध में चर्चा की। बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “राज्य में कोविड-19 की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में नियंत्रण में है। इसलिए रेड जोन को छोड़कर बाकी स्थानों में व्यवसाय, भवन निर्माण और औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने की आवश्यकता है।
मजदूर अनावश्यक रूप से जा रहे हैं। इन्हें रोकने की जरूरत है।” येदियुरप्पा ने कहा कि निर्माण उद्योग के प्रतिनिधियों ने उन्हें बताया कि लॉकडाउन के नियमों में ढील दिए जाने के बाद उन्होंने मजदूरों को रोजगार देना प्रारंभ कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा बिल्डरों ने यह भी बताया कि उन्होंने पिछले डेढ़ महीने के दौरान काम न होने के बावजूद मजदूरों को वेतन और भोजन दिया। सूत्रों के अनुसार मजदूरों की कमी के चलते मुख्यमंत्री ने यह अपील की है।
एक मई से अबतक 67 श्रमिक विशेष ट्रेन चलाई गईं, मंगलवार को चलेंगी 21 और ट्रेनें
भारतीय रेलवे ने मंगलवार को कहा कि वह एक मई से अबतक 67 श्रमिक विशेष ट्रेनें चला चुका है, जिनमें करीब 67 हजार श्रमिक यात्रा कर चुके हैं। रेलवे के अनुसार चार मई तक 55 ट्रेनें चलाई जा चुका थीं। उसने बताया, ''मंगलवार को 21 ट्रेन निर्धारित हैं, जिनमें मुख्य रूप से बेंगलुरु, सूरत, साबरमती, जालंधनर, कोटा, एर्णाकुलम से रवाना होने वाली ट्रेन शामिल हैं। प्रत्येक ट्रेन में औसतन एक हजार यात्री सवारी कर रह हैं। '' रेलवे ने बताया कि 24 बोगियों वाली इन ट्रेनों में 72 सीटें हैं, लेकिन सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाए रखने के लिये सीटों की संख्या घटाकर 54 कर दी गई है।
यात्रियों को बीच वाली सीट आवंटित नहीं की जा रही। रेलवे ने अभी आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया है कि इन सेवाओं पर कितनी रकम खर्च हो रही है। सरकार का कहना है कि इसका 85 प्रतिशत खर्च केन्द्र सरकार जबकि 15 प्रतिशत खर्च राज्य सरकारें उठाएंगी। अधिकारियों ने हालांकि संकेत दिये हैं कि पहली 34 ट्रेनों पर केन्द्र सरकार ने 24 करोड़ रुपये जबकि राज्य सरकारों ने 3.5 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। सूत्रों ने कहा कि रेलवे, प्रति श्रमिक विशेष ट्रेन सेवा पर लगभग 80 लाख रुपये खर्च कर रहा है।