प्रवासी रेल भाड़ा मामलाः महाराष्ट्र छोड़कर बाकी राज्य कर रहे प्रवासियों की यात्रा के लिए भुगतान, "राजनीतिक लड़ाई" तेज

By भाषा | Published: May 4, 2020 06:23 PM2020-05-04T18:23:01+5:302020-05-04T18:23:01+5:30

MHA ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अंतर राज्य कार्गो के आवामगन कोई समस्या नहीं आए, कंट्रोल रूम नंबर 1930 और NHAI हेल्पलाइन नंबर 1033 का उपयोग ड्राइवरों / ट्रांसपोर्टरों द्वारा लॉकडाउन से संबंधित किसी भी शिकायत को दर्ज करने के लिए किया जा सकता है।

Corona virus India Home Ministry impact lockdown Rail Payment travel migrants leaving Maharashtra other states | प्रवासी रेल भाड़ा मामलाः महाराष्ट्र छोड़कर बाकी राज्य कर रहे प्रवासियों की यात्रा के लिए भुगतान, "राजनीतिक लड़ाई" तेज

रेलवे ने इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है। लेकिन अनौपचारिक रूप से कहा गया कि यह एक "राजनीतिक लड़ाई" है। (file photo)

Highlightsप्रवासी श्रमिकों से ट्रेन टिकट के पैसे नहीं लिए जाने चाहिए। वहीं कांग्रेस ने ऐसे प्रवासियों के लिए भुगतान करने की पेशकश की।रेल किराए को लेकर पैदा विवाद के बीच भाजपा ने कहा कि रेलवे पहले ही यात्रा लागत का 85 प्रतिशत वहन करते हुए सब्सिडी पर टिकट मुहैया करा रहा है।

नई दिल्लीः लॉकडाउन के कारण फंसे श्रमिकों से रेलवे द्वारा कथित तौर पर भाड़ा लिए जाने की आलोचना होने के बीच सूत्रों ने सोमवार को कहा कि अब तक चलायी गयी 34 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए महाराष्ट्र को छोड़कर विभिन्न राज्य सरकारों ने भुगतान किया है।

कई विपक्षी दलों ने मांग की है कि प्रवासी श्रमिकों से ट्रेन टिकट के पैसे नहीं लिए जाने चाहिए। वहीं कांग्रेस ने ऐसे प्रवासियों के लिए भुगतान करने की पेशकश की। रेल किराए को लेकर पैदा विवाद के बीच भाजपा ने कहा कि रेलवे पहले ही यात्रा लागत का 85 प्रतिशत वहन करते हुए सब्सिडी पर टिकट मुहैया करा रहा है। रेलवे ने इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है। लेकिन अनौपचारिक रूप से कहा गया कि यह एक "राजनीतिक लड़ाई" है।

अधिकारियों का कहना है कि रेलवे राज्य सरकारों से इन विशेष ट्रेनों के लिए केवल मानक किराया वसूल रहा है जो कुल लागत का सिर्फ 15 प्रतिशत है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘रेलवे सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए प्रत्येक कोच में बर्थ खाली रखते हुए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। ट्रेनें गंतव्य से खाली लौट रही हैं। रेलवे द्वारा प्रवासियों को मुफ्त भोजन और बोतलबंद पानी दिया जा रहा है। हम अब तक 34 ऐसी ट्रेनें चला चुके हैं और आगे भी चलाते रहेंगे। हमारे एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) में कहीं भी, हमने नहीं कहा है कि यात्रा करने वाले प्रवासियों से किराया लिया जाएगा। ’’

सूत्रों ने बताया कि राजस्थान, तेलंगाना और झारखंड जैसे राज्यों ने श्रमिकों की यात्रा के लिए भुगतान किया है। राजस्थान, तेलंगाना जैसे राज्यों से विशेष ट्रेनें चली हैं और झारखंड तक ट्रेनें पहुंची हैं। सूत्रों ने कहा कि गुजरात सरकार ने यात्रा पर आने वाले खर्च का एक हिस्सा देने के लिए एक एनजीओ को संबद्ध किया है।

उन्होंने कहा कि केवल महाराष्ट्र सरकार यात्राओं के लिए प्रवासी श्रमिकों से पैसे ले रही है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राज्य से बाहर जाने प्रवासियों की यात्रा का खर्च वहन किए जाने का अनुरोध किया है।

राउत ने रविवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी पत्र लिखकर अनुरोध किया कि रेलवे राज्य से प्रवासियों के परिवहन का खर्च वहन करे। इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को एक वीडियो बयान में कहा कि राज्य सरकार प्रवासियों के परिवहन के लिए रेलवे को पैसे दे रही है। उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी प्रवासी को अपनी यात्रा के लिए पैसे देने की आवश्यकता नहीं है।’’ 

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