हरीश रावत ने कहा-अगर मोदी सरकार राज्यसभा में लाई नागरिकता विधेयक तो कांग्रेस करेगी विरोध
By भाषा | Published: February 3, 2019 12:57 PM2019-02-03T12:57:58+5:302019-02-03T12:57:58+5:30
रावत ने विधेयक को ‘संविधान, असम समझौते और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ’ करार देते हुए यह भी आरोप लगाया कि विधेयक के जरिए भाजपा ‘समाज में अशांति पैदा कर’ राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है।
नागरिकता (संशोधन) विधेयक-2016 को लेकर पूर्वोत्तर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और असम प्रभारी हरीश रावत ने रविवार को कहा कि अगर सरकार संसद के मौजूदा सत्र के दौरान राज्यसभा में यह विधेयक लाती है तो उनकी पार्टी इसके विरोध में वोट करेगी।
रावत ने विधेयक को ‘संविधान, असम समझौते और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ’ करार देते हुए यह भी आरोप लगाया कि विधेयक के जरिए भाजपा ‘समाज में अशांति पैदा कर’ राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘इस विधेयक के विरोध के पीछे हमारे कुछ आधार हैं। पहली बात यह है कि कोई भी कानून धर्म के आधार पर भेद करने वाला नहीं होना चाहिए। यह भेद कर रहा है जो संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। ऐसा लगता है कि यह विधेयक चुनाव को देखते हुए लाया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा आधार यह है कि पूर्वोत्तर के लोगों को लगता है कि यह प्रस्तावित कानून उनकी संस्कृति को नष्ट कर देगा। तीसरी बात यह है कि यह विधेयक असम समझौते के खिलाफ है। असम समझौता 24 मार्च, 1971 तक भारत में आने वाले लोगों को नागरिकता देने की बात करता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ भी है।’’
गौरतलब है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक- 2016 पिछले शीतकालीन सत्र के दौरान आठ जनवरी को लोकसभा में पारित हुआ था। इस दौरान कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सदन से वाकआउट किया था। इस प्रस्तावित कानून का मकसद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक अत्याचार की वजह से भागकर 31 दिसंबर 2014 तक भारत में आए हिंदू, सिख, बौद्ध जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को नागरिकता प्रदान करना है। विधेयक के विरोध में इन दिनों असम और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन हो रहा है।
यह पूछे जाने पर कि अगर सरकार मौजूदा सत्र में यह विधेयक राज्यसभा में लाती है तो कांग्रेस का क्या रुख होगा तो रावत ने कहा, ‘‘हमने पहले लोकसभा में इसका विरोध किया और वाकआउट किया। हमारा सरकार से कहना है कि इस पर सहमति नहीं है इसलिए इसे मत लाइए। अगर वे फिर भी लाते हैं तो हम इस विधेयक के खिलाफ वोट करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक पर वोट करने के साथ ही तृणमूल कांग्रेस तथा उन अन्य दलों को भी साथ लेगी जो इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा को लगता है कि जब समाज में अशांति पैदा होगी तो उसे राजनीतिक फायदा होगा। वह यह दिखाना चाहती है कि वह बहुसंख्यक समाज के साथ खड़ी है। लेकिन देश को बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के आधार पर नहीं चलाया जा सकता है। देश को चलाने के लिए सबको साथ लेकर चलना होता है। ’’