कांग्रेस के 23 असंतुष्ट नेता संगठन में चुनाव कराने पर अड़े, समझाने की कोशिश नाक़ाम
By शीलेष शर्मा | Published: December 29, 2020 09:01 PM2020-12-29T21:01:44+5:302020-12-29T21:03:28+5:30
महासचिव के सी वेणुगोपाल और वरिष्ठ नेता अम्बिका सोनी ने गुलाम नबी आज़ाद से तीन दौर की बातचीत करने के बाद सोनिया गाँधी को बातचीत का ब्योरा सौंपा।
नई दिल्लीः कांग्रेस नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल उठाने वाले नेताओं को समझाने की पार्टी नेतृत्व की कोशिश अभी तक सफल होती नहीं दिख रही है।
यह संकेत उस समय मिले जब पार्टी महासचिव के सी वेणुगोपाल और वरिष्ठ नेता अम्बिका सोनी ने गुलाम नबी आज़ाद से तीन दौर की बातचीत करने के बाद सोनिया गाँधी को बातचीत का ब्योरा देते हुये साफ़ किया कि ग्रुप 23 के नेता अपनी माँगों से टस से मस होने को तैयार नहीं हैं। दरअसल इन नेताओं की माँग है कि कार्यसमिति सदस्यों का चुनाव हो, संसदीय बोर्ड का गठन हो।
उल्लेखनीय है कि सोनिया गाँधी ने के सी वेणुगोपाल और अम्बिका सोनी को यह ज़िम्मेदारी सौंपी थी कि वह गुलामनबी आज़ाद और ग्रुप 23 के नेताओं से बात कर आंतरिक गतिरोध को समाप्त कराने की कोशिश करें लेकिन बातचीत का कोई हल निकलता न देख इन दोनों नेताओं ने नेतृत्व के सामने हाथ खड़े कर दिये हैं।
ग्रुप 23 के कुछ नेताओं की नाराज़गी आज उस समय फूट पड़ी जब किसान आंदोलन पर पार्टी की बात रखने के लिये राजीव शुक्ला को मीडिया से बात करने के लिये भेजा। ग्रुप 23 के एक वरिष्ठ नेता ने टिप्पणी की कि जो व्यक्ति अंबानी की नुमाइंदगी करता हो उससे किसानों के आंदोलन पर मीडिया से बात करने को भेजा जा रहा है ,इससे पार्टी की कार्यशैली पता चलती है ,इसी कारण पार्टी में चुनाव कराने की माँग उठाई जा रही है।