'टीवी पर मेक इन इंडिया, इधर चीन से सामान खरीदना', अब सरदार पटेल की प्रतिमा को 'मेड इन चाइना' बताकर कांग्रेस ने पीएम मोदी को घेरा
By पल्लवी कुमारी | Published: June 30, 2020 02:38 PM2020-06-30T14:38:47+5:302020-06-30T14:38:47+5:30
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने बीजेपी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ सबसे पहले पीएम केयर फंड में चीन की ओर से मिले दान को वापस किया जाना चाहिए, ताकि उनका हम पर कोई अहसान ना रहे।
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार (29 जून) को चीन के 59 ऐप को बैन कर दिया है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए कुछ फैसलों पर विपक्ष सवाल उठा रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने निशाना साधते हुए कहा है, ''सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत की संप्रभुता और अखंडता के प्रतीक हैं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार ने उनकी प्रतिमा को ''चीन द्वारा निर्मित'' कराने का विकल्प चुना है। पटेल की प्रतिमा निर्माण के लिए 553 बड़े आकार के कांसे के बोर्ड चीन से लिए गए हैं।(सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक) बीजेपी को इसके लिए मांफी मांगनी चाहिए।''
ट्वीट के अंत में जयवीर शेरगिल ने लिखा, टीवी पर मेक इन इंडिया और वास्तव में चीन से सामान खरीदने वाली नीति।
Sardar Vallabhbhai Patel is symbol of India’s sovereignty & integrity but BJP Govt opted to have his statue “Made by China” (by importing 553 large sized bronze boards cast in China-as per CAG) -BJP must apologise & shun “Make in India on TV & Buy from China in reality” Policy
— Jaiveer Shergill (@JaiveerShergill) June 30, 2020
एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने लिखा, बीजेपी सरकार ने टिकटॉक सहित चीनी ऐप प्रतिबंध लगा दिया गया है...उन्होंने तर्क दिया कि भारत की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता के लिए ये ऐप खतरा हैं। तो उन्हें पहले स्थान पर बीजेपी सरकार द्वारा भारत में संचालित करने की अनुमति कैसे दी गई? सोचने वाला चेहरा अगर कोई सुरक्षा निगरानी होती तो बीजेपी सरकार के तंत्र के भीतर कौन जिम्मेदार होता है।
If banned 59 Chinese Apps including Tik Tok pose a threat to India’s security, sovereignty & integrity then how come they were allowed to operate in India by BJP Govt at the first place? 🤔 If there was a security oversight then who is responsible within the BJP Govt apparatus?
— Jaiveer Shergill (@JaiveerShergill) June 30, 2020
राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा है, 'तथ्य झूठ नहीं बोलते। बीजेपी कहती है 'मेक इन इंडिया' और करती है 'बाय फ्राम चाइना'।
Facts don’t lie.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 30, 2020
BJP says:
Make in India.
BJP does:
Buy from China. pic.twitter.com/hSiDIOP3aU
राहुल गांधी ने ट्वीट के साथ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह सरकार के समय भारत के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी घटने और नरेंद्र मोदी सरकार में चीन की हिस्सेदारी कथित तौर पर बढ़ने से जुड़ा एक ग्राफ भी शेयर किया है।
भारत में 59 चीनी ऐप बैन: टिकटॉक, यूसी ब्राउजर सहित जानें कौन-कौन से ऐप हटाए गए
चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल ऐप जो भारत में बैन किए गए हैं उस लिस्ट में वीचैट , बीगो लाइव ,हैलो, लाइकी, कैम स्कैनर, वीगो वीडियो, एमआई वीडियो कॉल - शाओमी, एमआई कम्युनिटी, क्लैश ऑफ किंग्स के साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म क्लब फैक्टरी और शीइन शामिल हैं। ऐसे में इस फैसले ने चीनी प्रौद्योगिकी कंपनियों की बड़ी सफाई कर दी है।
भारत में टिकटॉक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं, जबकि शाओमी सबसे बड़ा मोबाइल ब्रांड है। अलीबाबा का यूसी ब्राउजर एक मोबाइल इंटरनेट ब्राउजर है, जो 2009 से भारत में उपलब्ध है। इसका दावा है कि सितंबर 2019 में दुनिया भर (चीन को छोड़कर) में उसके 1.1 अरब उपयोगकर्ता थे, जिसमें आधे भारत से थे। वेंचर इंटेलिजेंस के अनुसार अलीबाबा, टेंसेंट, टीआर कैपिटल और हिलहाउस कैपिटल सहित चीनी निवेशकों ने 2015 से 2019 के बीच भारत के स्टार्टअप कंपनी क्षेत्र में 5.5 अरब डॉलर से अधिक निवेश किया है।
भारत सरकार ने बताया क्यों लगाया 59 चाइनीज ऐप पर बैन
भारत ने सोमवार (29 जून) को चीन से संबंध रखने वाले 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउजर जैसे ऐप भी शामिल हैं। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आईटी कानून और नियमों की धारा 69ए के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इन एप्स पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।
आईटी मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों से कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें एंड्रॉइड और आईओएस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कुछ मोबाइल ऐप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्ट शामिल हैं। इन रिपोर्ट में कहा गया है कि ये ऐप ‘‘उपयोगकर्ताओं के डेटा को चुराकर, उन्हें गुपचुक तरीके से भारत के बाहर स्थित सर्वर को भेजते हैं।
बयान में कहा गया, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति शत्रुता रखने वाले तत्वों द्वारा इन आंकड़ों का संकलन, इसकी जांच-पड़ताल और प्रोफाइलिंग अंतत: भारत की संप्रभुता और अखंडता पर आधात होता है, यह बहुत अधिक चिंता का विषय है, जिसके खिलाफ आपातकालीन उपायों की जरूरत है।