श्रम कानून में संशोधनः कांंग्रेस ने कहा- श्रमिकों के हितों की रक्षा करने के लिए राज्यों को श्रम कानूनों में संशोधन की मंजूरी नहीं दे केंद्र सरकार

By भाषा | Published: May 11, 2020 04:11 PM2020-05-11T16:11:20+5:302020-05-11T16:11:20+5:30

कांग्रेस ने कहा है कि श्रमिकों के हितों की रक्षा करने वाले कानूनों में बदलाव की मंजूरी राज्यों को नहीं देनी चाहिए। पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि श्रमिकों से जुड़ा कदम उठाने से पहले श्रमिक संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया जाए।

congress said Central government does not allow states to amend labor laws | श्रम कानून में संशोधनः कांंग्रेस ने कहा- श्रमिकों के हितों की रक्षा करने के लिए राज्यों को श्रम कानूनों में संशोधन की मंजूरी नहीं दे केंद्र सरकार

श्रम कानून में संशोधनः कांंग्रेस ने कहा- श्रमिकों के हितों की रक्षा करने के लिए राज्यों को श्रम कानूनों में संशोधन की मंजूरी नहीं दे केंद्र सरकार

Highlightsसरकार से यह आग्रह भी किया कि श्रमिकों से जुड़ा कदम उठाने से पहले श्रमिक संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया जाए।गरीब मजदूरों को राहत देने के बजाय भाजपा सरकारें कोरोना संकट की आड़ में उन्हें उनके ही अधिकारों से वंचित कर रही हैं।

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने कई प्रदेशों की भाजपा सरकारों पर श्रम कानूनों में बदलाव के जरिए मजदूरों का शोषण करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को राज्यों में श्रमिकों के हितों की रक्षा करने वाले कानूनों में बदलाव की मंजूरी नहीं देनी चाहिए। पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने सरकार से यह आग्रह भी किया कि श्रमिकों से जुड़ा कदम उठाने से पहले श्रमिक संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया जाए।

उन्होंने वीडियो लिंक के जरिए संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब पूरा देश कोविड-19 की महामारी से जूझ रहा है तो पहले से ही मुसीबतों के बोझ तले दबे गरीब मजदूरों को राहत देने के बजाय भाजपा सरकारें कोरोना संकट की आड़ में उन्हें उनके ही अधिकारों से वंचित कर रही हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने तीन सालों के लिए सभी श्रम कानूनों को निलंबित कर दिया है, जिससे गरीबों के प्रति भाजपा सरकार की संवेदनहीनता तथा हमारी पूर्व सरकारों व संविधान द्वारा गरीब मजदूरों को दिए गए अधिकारों से उन्हें वंचित करने की मानसिकता स्पष्ट हो जाती है।

गोहिल ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश की तरह निर्णय मध्य प्रदेश की सरकार ने भी किया। गुजरात सरकार ने कहा है कि 1200 दिनों तक श्रम कानूनों का पालन नहीं होगा। इसका मतलब कि 1200 दिनों तक मजदूरों का शोषण होगा।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ श्रमिकों से जुड़े कानून संविधान की समवर्ती सूची में हैं, इसलिए इन्हें बदलाव किए जाने का निर्णय केंद्र सरकार की अनुमति के बिना नहीं लिया जा सकता।

इसलिए हम मोदी सरकार से मांग करते हैं कि वो इन कानूनों में बदलाव करने के लिए अपनी अनुमति न दें, जिनसे मजदूरों के अधिकार उनसे छीन लिए जाएंगे और उनकी आजीविका पर बुरा असर पड़ेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र सरकार से यह आग्रह भी करते हैं कि श्रमिकों के खिलाफ यह कठोर कदम उठाए जाने से पहले श्रमिक संगठनों से भी परामर्श लिया जाए।’’ 

Web Title: congress said Central government does not allow states to amend labor laws

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