नई दिल्लीः प्रियंका गाँधी के साक्षात्कार को लेकर शुरू हुयी हलचल के बीच कांग्रेस ने खुलासा किया कि यह साक्षात्कार प्रदीप छिब्बर और हर्ष शाह को उनकी पुस्तक "इंडिया टुमारो" के लिये एक साल पहले 1 जुलाई 2019 को दिया गया था।
जिसको आज एक साजिश के तहत प्रकाशित कराया जा रहा है। पार्टी के महासचिव शक्ति सिंह गोहिल ने दावा किया कि गाँधी परिवार कभी पद लोलुप नहीं रहा। अपने दावे के समर्थन में गोहिल ने खुलासा किया कि यूपीए सरकार में मनमोहन सिंह ने राहुल के लिये प्रधानमंत्री पद छोड़ने का प्रस्ताव रखा था लेकिन राहुल ने उस प्रस्ताव को ठुकरा कर सरकार में भी शामिल होने से इनकार कर दिया था।
ज्यों ज्यों प्रियंका के साक्षात्कार पर चर्चा जोर पकड़ रही है कांग्रेस भी सक्रिय हो रही है ,पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने टिप्पणी की नेहरू-गांधी परिवार ने सत्ता के मोह से दूर, सदा सेवा भाव से कांग्रेस को एक सूत्र में बांधे रखा है। 2004 में सोनिया ने सत्ता की बजाय पार्टी की सेवा चुनी। 2019 में राहुल ने भी दृढ विश्वास की हिम्मत दिखाई और कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
हम प्रियंका गांधी की एक वर्ष पुरानी टिप्पणी में अचानक उपजी प्रायोजित मीडिया की रूची जो सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर हो रही के खेल को समझते हैं। लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल के संघर्ष व संकल्प के गवाह हैं, जिससे उन्होंने इस लड़ाई का नेतृत्व किया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार अब तक राहुल को अध्यक्ष पद देने की जो बात केवल चर्चा में थी अब प्रियंका के साक्षात्कार के बाद खुल कर सामने आ चुकी है और पार्टी के अंदर मुहिम शुरू हो गयी है।