दिल्ली में कांग्रेस की हारः सिंधिया, वीरप्पा मोइली और जयराम रमेश ने कहा- निराशाजनक, देश बदल चुका है, सोच बदलनी होगी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 13, 2020 06:23 PM2020-02-13T18:23:00+5:302020-02-13T18:24:42+5:30
दिल्ली के चुनाव परिणाम पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पार्टी के लिए यह बहुत ही निराशाजनक है। देश बदल चुका है इसलिए हमें लोगों से जुड़ने के लिए सोच बदलनी होगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक हार और बिहार व उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में पार्टी की खराब हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी को ‘‘सख्ती से’’ अपना पुनरावलोकन करना चाहिए।
वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने भी दिल्ली चुनाव में हार के परिप्रेक्ष्य में पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए एक ‘‘सर्जिकल’’ कार्रवाई का आह्वान किया है। दिल्ली के चुनाव परिणाम पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पार्टी के लिए यह बहुत ही निराशाजनक है। देश बदल चुका है इसलिए हमें लोगों से जुड़ने के लिए सोच बदलनी होगी।
रमेश ने कहा, ‘‘कांग्रेस नेताओं को अपना पुनरावलोकन करना होगा। कांग्रेस को यदि प्रासंगिक होना है तो उसे स्वयं का पुनरावलोकन करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अन्यथा, हम अप्रासंगिकता की ओर बढ़ रहे हैं। हमें अहंकार छोड़ना होगा, छह साल से सत्ता से दूर होने के बावजूद हममें से कई लोग कई बार ऐसे बर्ताव करते हैं जैसे वे अब भी मंत्री हैं।’’
Congress' Jyotiraditya Scindia on #DelhiElectionResult2020: It is highly disappointing for our party. There is an urgent need for a new ideology &a new work process. Country has changed, so we also need to opt for a new way of thinking&connect with the people of the country. pic.twitter.com/dmuu1VdnPF
— ANI (@ANI) February 13, 2020
पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे के सवाल पर उन्होंने कहा कि स्थानीय नेताओं को प्रोत्साहन देना होगा और आगे बढ़ाना होगा। रमेश ने कहा कि स्थानीय नेताओं को स्वतंत्रता और स्वायत्तता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे नेतृत्व के स्वभाव और शैली को बदलना होगा।’’
रमेश ने कहा, ‘‘असल में, बिहार में हमारा अस्तित्व नहीं है, उत्तर प्रदेश में हम लगभग विलुप्त हैं, लेकिन राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हम मजबूत हैं। हरियाणा में हमने वापसी की है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी को ‘‘सख्ती से अपना पुनरावलोकन’’ करने की आवश्यकता है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि दिल्ली के चुनाव परिणाम ने अमित शाह को खारिज कर दिया जिन्होंने भाजपा के लिए धुआंधार प्रचार किया था। उन्होंने कहा, ‘‘यह (चुनाव परिणाम) उनके (शाह) मुंह पर करारा तमाचा है और इसने प्रचार अभियान में इस्तेमाल की गई भाषा तथा तरकीबों को खरिज कर दिया।’’
कांग्रेस नेता कहा कि हालांकि उनकी पार्टी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। केंद्रीय नेतृत्व में केरल के नेताओं की संख्या बढ़ाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कांग्रेस और दक्षिणी राज्य में इसके नेताओं की कार्यशैली की सराहना की, लेकिन कहा कि ‘‘हम केरल केंद्रित पार्टी नहीं बन सकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केरल में हमारे सामने खास स्थिति है क्योंकि हमारा माकपा से मुकाबला होता है। लेकिन जो चीज केरल में काम करती है, वह केरल के बाहर काम नहीं कर सकती।’’
रमेश ने कहा, ‘‘हम केरल केंद्रित पार्टी नहीं बन सकते, यद्यपि हमारे पास अब कांग्रेस पार्टी के शीर्ष में केरल से बहुत प्रभावशाली नेता हैं।’’ वह कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चुनाव कराने के पार्टी सांसद शशि थरूर के सुझाव से सहमत नजर नहीं आए और कहा कि कांग्रेस का अध्यक्ष पद आम तौर पर सर्वसम्मति वाला मामला होता है। उन्होंने कहा, ‘‘शशि थरूर ने चुनाव कराने का फॉर्मूला दिया है। लेकिन कांग्रेस के लंबे इतिहास में ऐसे केवल दो अवसर ही रहे जब हमने चुनाव कराया।’’ रमेश ने कहा कि यह उनकी समझ से बिलकुल परे है कि थरूर ने ऐसा सुझाव क्यों दिया।