टैक्टर रैली हिंसा के लिये अमित शाह ज़िम्मेदार, मोदी उन्हें बर्ख़ास्त करें : कांग्रेस
By शीलेष शर्मा | Published: January 27, 2021 07:04 PM2021-01-27T19:04:33+5:302021-01-27T19:11:36+5:30
जो दीप सिद्दू प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ फोटो खिंचवाते हैं उसे साझा करता है, जिससे सवाल खड़ा होता है कि उसे और उसके समर्थकों को लाल किले तक जाने की अनुमति किसने दी।
नयी दिल्ली ,27 जनवरी। टैक्टर रैली के दौरान हुयी हिंसा के लिये कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह को ज़िम्मेदार ठहराते हुये उनको तत्काल बर्ख़ास्त करने की माँग की है ,पार्टी ने आरोप लगाया कि हिंसा में लिप्त लोगों को मोदी सरकार का संरक्षण प्राप्त था और किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिये यह षड्यंत्र रचा गया था। राहुल ने ट्वीट के ज़रिये बापू के शब्दों के साथ टिप्पणी की "विनम्र तरीक़े से आप दुनिया हिला सकते हैं।”
उन्होंने एक बार फिर मोदी सरकार से अपील की कि वह तुरंत कृषि-विरोधी क़ानून वापस ले ले। इधर पार्टी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि गृह मंत्री ,खुफ़िया एजेंसियाँ क्या कर रहीं थी ,यह जानते हुये कि इन असमाजिक तत्वों ने जिनको सरकार का संरक्षण मिला हुआ था आधी रात को ही घोषणा कर दी थी कि वह लाल किला जायेंगे फिर उनको उसी समय गिरफ़्तार क्यों नहीं किया गया।
लालकिले पर पुलिस बैठी रही और यह लोग उत्पात मचाते रहे ,आख़िर कैसे। कांग्रेस ने सवाल उठाते हुये उनका जबाब माँगा सवाल यह है कि जो किसान 63 दिन से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे, अचानक से ऐसा क्या हुआ, जो वो इतना बिफर गए? अगर सरकार 10 दौर की बातचीत करने का ड्रामा करे, किसानों की समस्या के समाधान की बजाय व्यवधान का षडयंत्र करे और किसान आंदोलन को बदनाम करने पर जोर रखे, तो सरकार की साज़िश साफ है ,सीधा सवाल है कि केवल 30 से 40 ट्रैक्टर लेकर उपद्रवी लाल किले में कैसे घुस गये। सुरजेवाला ने पूछा कि यह किसकी असफलता है और इसका जिम्मेदार कौन है?
500-700 हिंसक तत्व ज़बरदस्ती लाल किले में कैसे घुस सकते हैं? पार्टी का स्पष्ट मानना है कि कल जो हुआ वह पूरी तरह से योजनाबद्ध तरीके से किया गया काम है। पर यह योजना किसानों की नहीं बल्कि आंदोलन को बदनाम करने की साजिश है, जिसे सीधे सीधे मोदी सरकार का समर्थन और संरक्षण है। रणदीप सुरजेवाला ने साफ़ किया कि प्रधानमंत्री अमित शाह को बर्ख़ास्त नहीं करते है तो इसका अर्थ होगा कि वह भी इस साज़िश का हिस्सा थे।